यूपी के प्रयागराज में लगातार हो रही बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है. महाकुंभ 2025 के भव्य आयोजन के लिए जनवरी से शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन सिर्फ छह महीने बाद ही संगम नगरी स्मार्ट सिटी से 'वॉटर सिटी' में बदल गई है.

कल देर रात से हो रही तेज बारिश ने शहर के कई इलाकों को जलभराव में डुबो दिया. चाहे पुरानी बस्तियों की गलियां हों, मुख्य बाजारों की सड़कें या फिर सरकारी दफ्तर हर जगह पानी भरने से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है. कुछ इलाकों में तो घुटनों तक पानी भर जाने से वाहन चालकों को भारी जाम का सामना करना पड़ा.

थाने में घुसा पानी 

यह हाल सिर्फ आम मोहल्लों का नहीं है, बल्कि कानून-व्यवस्था संभालने वाले थाने भी पानी की चपेट में आने से बचे  हैं. एबीपी न्यूज़ की टीम जब ग्राउंड जीरो पर पहुंची, तो पाया कि जॉर्ज टाउन थाना भी जलभराव की मार झेल रहा है. थाने के अंदर कुर्सियां, मेज, थाना प्रभारी का कक्ष और मुंशी के कमरे तक में पानी भर चुका था. पुलिसकर्मी मजबूरन पानी में खड़े होकर अपना काम कर रहे थे, जो शहर की व्यवस्था और तैयारियों की हकीकत बयां करता है.

नगर निगम ने मानसून से पहले दावा किया था कि इस बार जल निकासी की पुख्ता व्यवस्था की गई है और लोगों को पानी भरने की समस्या से निजात मिलेगी. लेकिन हकीकत इसके उलट है. जलभराव से व्यापारियों के कारोबार पर असर पड़ा है, स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हो रही है और कई रिहायशी इलाकों में तो घरों के अंदर तक पानी घुस गया है.

स्थानीय लोगों ने क्या कहा?

स्थानीय लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद न तो ड्रेनेज सिस्टम सुधरा और न ही सड़कें. बारिश ने नगर निगम की योजनाओं की सच्चाई सामने ला दी है. अब सवाल यह है कि जब महाकुंभ जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए भी शहर में टिकाऊ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं हो सका, तो आने वाले दिनों में लोगों की समस्याओं का समाधान कैसे होगा?बारिश थमने के बाद भी जलभराव बना हुआ है, जो साफ दिखाता है कि तैयारियों में कितनी लापरवाही बरती गई. फिलहाल, लोग यही उम्मीद कर रहे हैं कि मौसम जल्द सुधरे और हालात सामान्य हों, वरना यह 'वॉटर सिटी' और भी मुश्किलें खड़ी कर सकती है.