उत्तर प्रदेश स्थित बरेली में हिंसा के बाद तनावपूर्ण शांति के बीच प्रशासन का दावा है कि सब कुछ नियंत्रण में है. इसी बीच समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा में सांसदों और पूर्व सांसदों समेत कुल 14 लोगों टीम बनाकर बरेली भेजने का फैसला किया है. सपा के इस कदम से राज्य में सियासी सरगर्मी बढ़ सकती है.
सपा की यूपी इकाई के अध्यक्ष श्यामलाल पाल द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमण्डल दिनांक 04 अक्टूबर 2025 को बरेली जायेगा. बरेली में दिनांक 26 सितम्बर 2025 को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोग समस्याओं को लेकर शांतिपूर्ण ढंग से जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जा रहे थे.
प्रदेश कार्यालय को देंगे रिपोर्ट - सपा
पत्र में लिखा गया है कि निर्दोष लोगों पर रास्ते में पुलिस और पीएसी द्वारा बेरहमी से लाठीचार्ज किया गया. जिसमें बहुत से लोग गंभीर रूप से घायल हो गये हैं. 81 लोगों को जेल भेज दिया गया है. 4 बारात घर सीज कर दिये गये हैं. कई मकानों और दुकानों को बुलडोजर द्वारा ढहा दिया गया है. पुलिस द्वारा तीन लोगों का हाफ एनकाउंटर कर दिया गया है. प्रतिनिधिमण्डल पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी समस्याओं के निदान के लिए बरेली डीआईजी और कमिश्नर से मिलकर बात करेगा. तत्पश्चात् रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय में प्रस्तुत करेंगे.
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सपा ने जो प्रतिनिधिमंडल बनाया है उसमें नेता प्रतिपक्ष विधान सभा उ०प्र० माता प्रसाद पाण्डेय, मुजफ्फरनगर के सांसद हरेन्द्र मलिक, कैराना सांसद इकरा हसन, संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क, रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी, सांसद नीरज मौर्य, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव, पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन, जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप, महानगर अध्यक्ष शमीम खाँ सुल्तानी, विधायक और सपा के प्रदेश महासचिव अताउर्रहमान, विधायक शहजिल इस्लाम अंसारी, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार और प्रदेश सचिव शुभलेश यादव शामिल हैं.