UP Politics: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के संदर्भ में विवादित बयानों के फेर में फंसे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक पत्र लिखा है. कन्नौज सांसद ने लिखा है कि यह इस मामले में उनका अंतिम पत्र है, क्योंकि उन्हें जनहित के काम पर निकलना है. अखिलेश का यह पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिक्रिया के बाद आया है जिसमें उन्होंने सपा चीफ और उनकी पार्टी को नसीहत दी थी कि भाषा का संयम बरकरार रखा जाए.

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि क खाली बैठे लोग बात आगे बढ़ाते हैं ‘काम करनेवाले’ आगे बढ़ जाते हैं. चलो हम सब पीडीए मिलकर सकारात्मक राजनीति के मार्ग पर आगे बढ़कर संकल्प उठाएं कि अपनी पीडीए सरकार बनाएंगे, सामाजिक न्याय का राज लाएँगे. 

उन्होंने लिखा कि जो लोग अपने दलों में पूछे नहीं जाते हैं,  अपने मंत्रालय को नाकामी का तमगा पहनाते हैं, निरर्थक बातों में, चाटुकारिता में अपना दिन और समय बिताते हैं, उनसे पुनः आग्रह है कि कुछ सार्थक भूमिका निभाइए और जिस समाज का आप सामाजिक प्रतिनिधित्व करते हैं, (अगर वो समाज आपको एक प्रतिशत भी अपना मानता है तो) उप्र भाजपा सरकार के राज में उस समाज पर कितना अत्याचार और अन्याय हो रहा है, उस पर यदि बोलकर कुछ कहने का साहस नहीं है तो कम से कम इशारे से ही कुछ कह दीजिए.

अखिलेश और ब्रजेश पाठक के विवाद के बीच सीएम योगी की पहली प्रतिक्रिया, सपा चीफ को दी नसीहत

'आपका समाज उनकी निगाह में दोयम क्या...'यूपी के पूर्व सीएम ने लिखा- परिपक्व बनिए, सौम्य, शिष्टाचारी और मृदु भाषी भी. उन पर विश्वास मत कीजिए जो अपनों के सगे नहीं हैं, और वैसे भी आप तो मूल रूप से उनके हैं भी नहीं, बाहर से आकर; भाजपाइयों जैसा बोलकर, भाजपाइयों जैसा बनकर यहाँ घुलने-मिलने की कोशिश कर रहे हैं. अपना राजनीतिक शोषण मत होने दीजिए. अगर आपको इन पर कुछ ज़्यादा ही विश्वास है तो उनके बारे में एक बार ज़रूर सोच लीजिए, जो आज से पहले अपने को भाजपा में महत्वपूर्ण समझते थे और जो मूल रूप से भाजपाई थे, आप की तरह बाहरी भी नहीं थे. आज हैं वो वहाँ, कल आप होंगे जहाँ. 

कन्नौज सांसद ने लिखा कि आशा है आप अपने दल में ‘राजनीतिक स्वास्थ्य’ को सुधारने का काम करेंगे. अगर कभी संकट में हों तो हम आपके साथ खड़े रहेंगे. हम जानते हैं वो समय दूर भी नहीं है क्योंकि न तो आप, न ही आपका समाज आज के सत्ताधीश को “भाता है या लुभाता है”. आपका समाज उनकी निगाह में दोयम क्या, कभी तियम भी न था और न होगा. आप तो अपनी चहारदीवारी बचाइए और नैतिक बुनियाद भी, वो बचेगी तो आप भी बचे रहेंगे.  इस कड़ी का अंतिम पत्र क्योंकि हमें तो जनहित के लिए काम पर निकलना है.