उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य में जारी एसआईआर प्रक्रिया को अप्रत्यक्ष तौर पर NRC बताया है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा में अपनी बात रखने के दौरान कन्नौज सांसद ने यह दावा किया.
अखिलेश ने कहा कि यह SIR नहीं है अंदर-ही-अंदर NRC वाला काम कर रहे हैं. जो काम ये खुलकर नहीं कर सकते थे वो यह SIR के बहाने कर रहे हैं.
इसके अलावा अखिलेश ने कहा कि सबसे बड़ा सुधार यह है कि चुनाव आयोग अंतरअत्मा की आवाज सुने. ईसी के गठन में जो पहले व्यवस्था थी वह लागू हो. आशा है कि आयोग भविष्य में निष्पक्ष काम करेगा.
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सुना है कि वहां के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं. एसआईआर में जिसका नाम नहीं उसके लिए डिटेंशन सेंटर की क्या जरूरत है? इसका मतलब जो काम यह खुल के नहीं कर सकते थे एनआरसी वह काम यह एसआईआर के बहाने कर रहे हैं. तभी यह कभी-कभी कहते हैं घुसपैठियां हैं और डिटेंशन सेंटर बन रहे हैं.
इसके साथ ही अखिलेश ने यूपी में एसआईआर प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए. उन्होंने लोकसभा में दावा किया कि SIR में अभी तक 10 लोगों (BLO) की जान यूपी में जा चुकी है. 9 की लिस्ट है. सपा चीफ ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के बहुत कम बीएलओ को ट्रेनिंग दी गई है. हमने अपनी पार्टी की तरफ से 2 लाख की मदद की है. मैं मांग करता हूं कि उनके परिवार को 1 करोड़ रूपए और सरकारी नौकरी दी जाए.
सपा चीफ ने कहा कि रिफॉर्म तभी संभव है जब इलेक्शन कमीशन निष्पक्ष होगा। इक्लेशन कमिश्नर के अपॉइंटमेंट का तरीका बदला जाए.