सहारनपुर पुलिस ने गुरुवार, 2 अक्टूबर को सांसद चंद्रशेखर आजाद को बरेली जाने से रोक दिया, जहां वह हिंसा पीड़ितों से मिलना चाहते थे. अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए लिया गया.
सहारनपुर के अपर पुलिस अधीक्षक सागर जैन के अनुसार, आजाद बुधवार देर रात छुटमलपुर के हरिजन कॉलोनी स्थित अपने आवास पर पहुँचे. पुलिस ने कथित तौर पर उनसे बरेली न जाने का अनुरोध किया.
सूत्रों ने बताया कि आजाद के आगमन की सूचना मिलने पर, उनके आवास के आसपास रात भर पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी तैनात कर दी गई और बैरिकेड्स लगाकर उन्हें घर के अंदर ही रहने को कहा गया.
बरेली जाने से पहले भी विपक्षी नेताओं को रोका गया
इससे पहले बुधवार को सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद और विधायक शाह नवाज़ खान को भी पुलिस ने उनके आवास पर रोक दिया था, जब वे बरेली जाने की योजना बना रहे थे.
आजाद ने बुधवार रात सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि वह बरेली में पीड़ित परिवारों से मिलना चाहते हैं. इसके बाद प्रशासन हाई अलर्ट पर चला गया.
सरकार पर निशाना साधते हुए आजाद ने सवाल किया कि अगर बरेली में कुछ भी गलत नहीं हुआ है, तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है. उनके समर्थकों ने इस कदम पर निराशा व्यक्त की.
भीम आर्मी का बयान, लोकतंत्र के गला घोंटने का आरोप
भीम आर्मी ने एक बयान में पीड़ितों की आवाज़ दबाने और सामाजिक न्याय के संघर्ष को रोकने के प्रयासों की निंदा की और कहा कि वे समाज के साथ मिलकर न्याय के लिए लड़ते रहेंगे.अपने पोस्ट में, आजाद ने लोकतंत्र का कथित तौर पर गला घोंटने के प्रयास के लिए अधिकारियों की आलोचना की और हाशिए पर पड़े समुदायों को न्याय दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
उन्होंने पूछा कि अगर वहां मुस्लिम नागरिकों के साथ कोई अन्याय नहीं हुआ है, तो राज्य सरकार उन्हें बरेली जाने से क्यों रोक रही है.
बरेली में 26 सितंबर को ‘आई लव मोहम्मद’ घटना और हिंसा को लेकर हुए विवाद के बाद तनाव जारी है.