Uttar Pradesh News: अब उत्तर प्रदेश में अपराधियों को फायदा पहुंचाने के लिए विवेचना से छेड़छाड़ करना आसान नहीं रहेगा. पुलिस कम्प्यूटर में कैद विवेचना से हेरफेर की जानकारी एसएमएस के जरिये उच्च अधिकारियों तक पहुंच जाएगी. ऑटोमेटिक नई व्यवस्था डीजीपी के आदेश पर लागू की गई है. एडीजी जोन आगरा राजीव कृष्ण ने सभी आठों कप्तानों को नए सिस्टम फॉलो करने के दिए निर्देश. नई व्यवस्था से अब विवेचकों की मनमानी नहीं चल पाएगी. विवेचना की रिपोर्ट पुलिस कम्प्यूटर में सेव होते ही विवेचक की तरफ से किए गए बदलाव का संदेश संबंधित अधिकारियों के सरकारी मोबाइल नंबर पर एसएमएस से पहुंच जाएगा. अपराध की विवेचना में विवेचक के हर कदम पर अधिकारियों की नजर रहेगी.
विवेचना से छेड़छाड़ करना विवेचक को पड़ेगा महंगा
विवेचना के दौरान नाम या धारा हटाने और बढ़ाने की जानकारी फौरन आला अधिकारियों को एसएमएस के माध्यम से मिल जाएगी. मामले में अधिकारी तत्काल संज्ञान लेकर विवेचक को तलब कर लेंगे. अपराध की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सब इंस्पेक्टर से लेकर सीओ रैंक तक के अधिकारी मामले की विवेचना करते हैं. विवेचना में साक्ष्य संकलन होता है और फिर धाराओं और आरोपितों की भूमिका की जांच होती है.
एसएमएस आला अधिकारियों को कर देगा खबरदार
विवेचना के दौरान कई बार विवेचक धाराओं और आरोपितों में घटाव-बढ़ाव कर देते हैं. इसके बाद चार्जशीट (आरोप पत्र) तैयार कर कोर्ट में प्रस्तुत किया जाता है. चार्टशीट के आधार पर कोर्ट में सुनवाई होती है. विवेचना के दौरान धाराओं और आरोपितों का नाम हटाने और जोड़ने के आरोप लगते हैं. पर्यवेक्षण अधिकारियों से जवाब तलब होने पर जानकारी न होने की बात कहते हैं. इस तरह की स्थितियों से बचने के लिए पुलिस अपर महानिदेशक (अपराध) ने नई व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू करवाई है.
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दरसअल दर्ज किए गए अपराध की विवेचना में विवेचक कंप्यूटर पर अपनी जांच रिपोर्ट दर्ज करता है. इसमें अपराध की धाराओं को कम करने या बढ़ाने के साथ-साथ आरोपितों के नाम हटाने या बढ़ाने का उल्लेख होता है. जैसे ही विवेचना की रिपोर्ट विवेचक कंप्यूटर में सेव करेगा, वैसे ही बदलाव का संदेश संबंधित अधिकारियों के सरकारी मोबाइल नंबर पर ऑटोमेटिक एसएमएस पहुंच जाएगा. एडीजी आगरा के अनुसार विवेचना में बदलाव पर काफी हद तक लगाम लगेगी.