UP Police Exam 2024 Cancelled: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी में 17 और 18 फरवरी को हुई उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया है. वहीं यूपी सरकार ने इस भर्ती की परीक्षा को छह महीने अंदर फिर से कराने के आदेश दिए हैं. हालांकि विपक्षी नेता यूपी पुलिस भर्ती के पेपर लीक मामले को लेकर योगी सरकार को घेरे हुए हैं कि आखिर कब तक पेपर लीक होंगे. वहीं अगर यूपी में हुई भर्तियों के पेपर लीक के मामलों पर नजर डालें तो इसका आंकड़ा भी आपको हैरान कर देगा.


यूपी में 17-18 फरवरी 2024 को यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती की परीक्षा हुई जिसे सरकार ने रद्द कर दिया. वहीं 11 फरवरी 2024 को यूपी में RO-ARO के 334 पदों की भर्ती के लिए परीक्षा हुई जिसकी आंतरिक जांच जारी है. वहीं UP बोर्ड परीक्षा 2022 में इंटरमीडिएट की परीक्षा में पेपर लीक होने का संदेह है. इसके अलावा नवंबर 2021 में UPTET की परीक्षा हुई जिसे भी रद्द किया. वहीं अक्टूबर 2018 में हुई UP कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 6 आरोपी गिरफ्तार हुए थे. इतना ही नहीं फरवरी 2018 में हुई UPPCL भर्ती परीक्षा को भी रद्द किया गया. इसके साथ ही जुलाई 2017 में हुई यूपी सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा भी रद्द हुई.




एसटीएफ करेगी मामले की जांच


बता दें कि यूपी पुलिस के सिपाही के 60 हजार से अधिक पदों के लिए 17 व 18 फरवरी को राज्‍य के सभी 75 जिलों में परीक्षा आयोजित की गयी थी जिसमें करीब 48 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इस परीक्षा के दौरान करीब 244 ‘सॉल्वर’ और परीक्ष में सेंध लगाने के प्रयास में जुटे गिरोह के कई लोग पकड़े गए थे. इस मामले में कई जगह प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में सरकार ने प्रकरण की जांच उप्र पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) से कराए जाने का निर्णय लिया है. दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों अथवा संस्थाओं के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश दिए गए हैं.


आरोपी ना घर के रहेंगे ना घाट के- सीएम योगी


यूपी पुलिस भर्ती की परीक्षा में हुए पेपर लीक को लेकर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि युवाओं के भविष्य के साथ जो भी खिलवाड़ करेगा उनसे पूरी सख्ती  से सरकार  निपटेगी फिर हम ऐसे लोगों को न घर का न घाट का छोड़ेंगे. कार्रवाई ऐसी होगी कि नजीर बनेगी. वहीं सीएम योगी ने कहा युवाओं के रोजगार देने में गड़बड़ी करने वाले राष्ट्रीय पाप कर रहे हैं. सरकार तकनीक का इस्तेमाल करती है तो यह लोग भी तकनीक का इस्तेमाल करने लगते हैं. अगर सही दिशा में इन लोगों ने तकनीक का इस्तेमाल किया हो तो यह खुशहाल जीवन जी रहे होते मगर इन्होंने ऐसा नहीं किया और अब यह ना घर के रहेंगे ना घाट के.


रालोद मुखिया जयंत चौधरी ने कहा कि मैं सीएम योगी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने नौजवानों की समस्याओं को सुना और पुलिस भर्ती परीक्षा को रद्द किया है. मैं चाहूंगा कि नौजवानों की समस्याओं का हल जल्द निकले.


क्या बोले विपक्षी नेता


इस मामले पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार की नीयत ही नहीं थी नौकरी देने की ऐसे में सरकार की लापरवाही से पेपर लीक हुआ है. सरकार की अगर नीयत साफ होती तो जिस समय पहले पेपर लीक हुआ था सरकार उसे समय कार्रवाई करती, इससे करोड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं. वहीं राहुल गांधी ने इसे लेकर कहा बीजेपी ने जानबूझकर पेपर लीक कराया है जिससे बेरोजगारों को नौकरी न देनी पड़े. 


यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि राहुल गांधी ने न्याय यात्रा के दौरान प्रयागराज और लखनऊ में पेपर लीक का मुद्दा उठाया इसलिए सरकार ने ये फैसला लिया. सवाल है कि क्या योगी सरकार पेपर लीक करने वालों के घर बुलडोजर चलाएगी? और क्या पीएम मोदी आत्महत्या करने वाले युवक के घर जाएंगे?


वहीं सपा विधायक और अपना दल केमरावदी नेता पल्लवी पटेल ने कहा यह निर्णय अधूरा है. जिस तरह से यह सरकार हर भर्ती में इस देश की जनता के साथ धोखा करती आ रही है उससे 6 महीने की अवधि पर विश्वास नहीं किया जा सकता. जब सरकार मान रही है कि पेपर लीक हुआ है तो जिन अभ्यर्थियों के पास पहले से प्रवेश पत्र है उनका अधिकतम 15 दिन या लोकसभा की अधिसूचना लागू होने से पहले दोबारा उनकी परीक्षा करा देनी चाहिए.


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