UP Crime News Today: उत्तर प्रदेश के बस्ती में अभिलेखों में कूटरचित दस्तावेजों से धोखाधड़ी करने वाले फरार सचिव अजीत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सचिव अजीत सिंह पुलिस गिरफ्त से फरार चल रहा था, जिसकी तलाश पुलिस बहुत दिनों से कर रही थी. पुलिस ने सचिव को गिरफ्तार कर न्यायालय रवाना कर दिया है, हालांकि अभियुक्त सचिव शैलेंद्र मणि और दीपक पांडे की तलाश पुलिस कर रही है.
जहां लोगों को मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल करने में हफ्ते दस दिन सचिव का चक्कर काटना पड़ता है. वहीं भगतूपुर के सचिव शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने अभिलेख मिलते ही शिव शंकर का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. मामले की जांच करना तक उचित नहीं समझा. जबकि घटना के जांच करने के बाद ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना होता है. फिर इतनी बड़ी गलती कैसे हो गयी कि जिंदा व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया गया.
जिंदा व्यक्तिा का बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र
नटवर लाल शिव शंकर कागजों में मुर्दा बन गया, जहां मुकदमों से बचने की साजिश किया था. वहीं पड़ोसी की संपत्ति को भी हासिल करने का पूरा खेल रच लिया था. इसके लिए वह पड़ोसी देवी सरन का बेटा बन गया था, जबकि उनका नाती लक्ष्मेश्वर जिम्मेदारों के चौखट पर यह कहता फिरता रहा कि यह मेरा चाचा नहीं है, लेकिन यह सुनने को कोई तैयार नहीं था. शिव शंकर पांडेय ने गांव के सचिव से परिवार रजिस्टर में खुद को जटाशंकर दर्ज कराकर वलदित भी बदल दी तो सचिव शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने शिव शंकर को मृत बना कर बल दे दिया. मामला जब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना तो सचिव शैलेंद्र खुद की गर्दन फंसता देख आनन फानन में मृत्यू प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया.
लालगंज थानाक्षेत्र के जगरनाथपुर गांव के शिव शंकर पांडेय ने दूसरे ग्राम पंचायत में सचिव की मिली भगत से खुद को मृतक साबित कर लिया था. मृतक प्रमाण पत्र की मदद से वह पुराने आपराधिक मुकदमों से बचने और पड़ोसी गांव के एक व्यक्ति की संम्पत्ति हड़पने के लिए यह साजिश रची थी. इतना ही नहीं वह इस खेल से बैंक के कर्ज से भी बचने की फिराक में भी था. उसने अपने आप को शिव शंकर से जटा शंकर बना लिया था, लेकिन पुलिस के खिलाफ वाद दाखिल करना महंगा पड़ गया.
मुकदमा दर्ज कार्रवाई शुरू
मुंडेरवा थाने में चीनी मिल को लेकर हुए विवाद में लालगंज पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर शिवशंकर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जहां शिवशंकर खुद को जटाशंकर बताकर बचने की साजिश रची थी और पुलिस पर उल्टा आरोप मढ़ दिया था. अभिलेखों के जांच में जटाशंकर नाम के शैक्षिक प्रमाण पत्र,आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि कूटरचना से हासिल किए हुए मिले.
मृत्यु प्रमाण पत्र भी ग्राम सचिव की तरफ से बिना जांच के जारी कर दिया गया था. पुलिस ने इस मामले में नटवरलाल शिव शंकर समेत उसके बेटे दीपक पांडे के साथ सचिव शैलेंद्र मणि और सचिव अजीत सिंह पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी.
इस पूरे मामले पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए शिव शंकर को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था तो वहीं कुत्रचित तरीके से वल्दियत में नाम शामिल करने वाले सचिव अजीत सिंह को लालगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं फरार चल रहे है अन्य आरोपियों की पुलिस जल्द ही गिरफ्तारी करने का दावा कर रही है.
(मो. शादाब की रिपोर्ट)
ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: मुलायम के बिना अखिलेश के लिए बड़ी चुनौती है लोकसभा चुनाव, सपा को देनी है कड़ी परीक्षा