UP Thug News: प्रधानमंत्री की योजनाओं के प्रचार के नाम पर लोगों को ठगने वाले इनामी बदमाश को अयोध्या पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी अनूप चौधरी खुद को रेल मंत्रालय का सदस्य बताकर सरकारी गनर से लेकर वीआईपी प्रोटोकॉल ले रहा था और अब तक करोड़ों की ठगी कर चुका है. अनूप के खिलाफ यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान में दस से ज्यादा केस दर्ज हैं. यूपी पुलिस की ओर से उस पर 15 हजार रुपये का इनाम रखा गया है.  

आरोपी अनूप चौधरी 23 अक्टूबर की रात को अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन करने पहुंचा था, उसके साथ एक सरकारी गनर, ड्राइवर और एक अन्य शख्स मौजूद था. जिसको उसने धार्मिक स्थलों पर हेलीकॉप्टर से दर्शन करने के नाम पर कंपनी खोलने की बात कह कर अपने झांसे में लिया था. लेकिन यूपी एसटीएफ को इसकी भनक लग गई और एसटीएफ ने रात साढ़े दस बजे उसे गिरफ्तार कर लिया. 

रेल मंत्रालय का अधिकारी बताकर ठगीएसटीएफ को मिली जानकारी के अनुसार अनूप चौधरी पीएम के नाम पर संगठित अपराध करता था. भारत सरकार के रेल मंत्रालय का सदस्य बताकर उसने सरकारी गनर ले रखा था और उसने एक निजी ओएसडी भी बना रखा था, जिसके माध्यम से वह अलग-अलग जनपदों में प्रोटोकॉल लगवाता है और प्रोटोकॉल लगवाकर सरकारी सुविधाओं का लाभ फर्जी तरीके से प्राप्त कर लेता था. इसी प्रोटोकॉल का रौब दिखाकर वह लोगों से उनका काम करने के लिए धन उगाही भी करता है.

ऐसे पुलिस की गिरफ्त में आया ठगअनूप चौधरी के निजी गैर सरकारी ओएसडी श्रीनिवास नराला के द्वारा अयोध्या सर्किट हाउस में ठहरने के लिए और सुरक्षा व्यवस्था के लिए अयोध्या के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र दिया गया था, जिसकी सत्यता की जांच करने पर इस बात की जानकारी मिली कि अनूप चौधरी इन सुविधाओं के लिए अधिकृत नहीं है. इस सूचना को जब आगे बढ़ाया गया तो एसटीएफ को इसकी जानकारी दी गई. 

एसटीएफ को अनूप चौधरी की पिछले काफी समय से तलाश थी, क्योंकि उसने सरकार के नाम पर काफी पैसा लोगों से ठगा था. इसके बाद एसटीएफ एक्टिव हुई और सर्किट हाउस पहुंची पर अनूप वहां नहीं मिला. फिर एसटीएफ सर्किट हाउस आने वाले रास्ते में खड़ी होकर उसका इंतजार करने लगी. इसके बाद एक सफेद स्कॉर्पियो गाड़ी आते देख उसको पुलिस ने रोका. तो गाड़ी में बैठा पुलिसकर्मी आया और उसने बताया कि पीछे बैठा व्यक्ति अनूप चौधरी रेल मंत्रालय भारत सरकार का सदस्य है और वह उनकी गनर ड्यूटी में है. 

सरकारी गनर और ड्राइवर के साथ दिखाता था भौकालइस गाड़ी में ड्राइवर और गनर के अलावा एक और शख्स भी मौजूद था. जिसके बाद पुलिस ने अनूप चौधरी से पूछताछ की. आरोपी ने एसटीएफ को भटकाने की कोशिश की और बताया कि वो क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति उत्तर रेलवे और भारतीय खाद्य निगम, खाद एवं सार्वजनिक वितरण उपभोक्ता मंत्रालय भारत सरकार का अशासकीय सदस्य है. अनूप ने बताया कि वो गाजियाबाद में रहता है. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. 

पूछताछ में सामने आई ये बातआरोपी ने पूछताछ में इस बात को कुबूल किया है कि उसने फर्जी तरीके से प्रधानमंत्री के कामों को लोगों तक पहुंचाने के लिए अपनी सुरक्षा के लिए गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट से गनर लिया है. इसी धमक से उसने इटावा और चेन्नई में सरकारी सुविधाओं का फायदा लिया है. यूपी एसटीएफ ने उसे हिरासत में लेकर स्पेशल रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है. जिस गाड़ी से अनूप की गिरफ्तारी हुई उस गाड़ी में उसके साथ एक कारोबारी का सत्येंद्र वर्मा भी मौजूद था.

उसने बताया कि अनूप से उसकी मुलाकात लखनऊ एयरपोर्ट पर हुई थी, इसके बाद अनूप ने विभिन्न तीर्थ स्थलों के लिए हेलीकॉप्टर से दर्शन करने के लिए कंपनी बनाने में मदद मांगी थी. अनूप चाहता था कि व्यापारी इस काम में उसका पार्टनर बनकर पैसे निवेश करे. अनूप ने सत्येंद्र वर्मा को अयोध्या में वीवीआईपी दर्शन करने की बात कही थी जिसके बाद सत्येंद्र, अनूप के साथ लखनऊ से अयोध्या आया था.

फर्जी लेटर भेजकर लेता था प्रोटोकॉलअनूप ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसके गैर सरकारी निजी सचिव श्रीनिवास नराला के माध्यम से अधिकारियों को फर्जी लेटर पैड पर लिखकर या ईमेल भेजकर प्रोटोकॉल की मांग करता था और अमूमन अधिकारी बिना जांच के उसे प्रोटोकॉल दे देते थे. वह भौकाल दिखाने के लिए सरकारी गनर रखता था और सरकारी काम करने के लिए लोगों से ठगी भी करता था.

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