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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए के सीट शेयरिंग के ऐलान के बाद से ही उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर नाराज हैं. इसी बीच ओमप्रकाश राजभर के बड़े बेटे और सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने साफ तौर पर कहा कि लोग जब 500 वोटों से हारेंगे तो पता चलेगा कि 500 वोट का कितना महत्व होता है.

सुभासपा नेता अरविंद राजभर ने कहा कि कल मंगलवार (13 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सुभासपा अपने प्रत्याशियों की घोषणा करेगी. अरविंद राजभर ने कहा हेमंत सोरेन, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप से बात हुई है और उन्होंने आरजेडी का प्रस्ताव ठुकरा दिया है 5 सीटें देने की बात कह रहे थे.

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500 वोटों से हारेंगे तो पता चलेगा कि 500 वोट का कितना महत्व

वहीं अरविंद राजभर ने कहा की बिहार में एनडीए की तरफ से एक भी सीट नही दी. 1 मई 3025 को हमने गृह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी बता दिया था. अरविंद राजभर ने बीजेपी या एनडीए के नाम लिए बिना इशारों-इशारो में कहा कि अगर हारने की चिंता होती तो हमको एडजस्ट किया गया होता. जब हमारी पार्टी चुनाव में उतरेगी और लोग जब 500 वोटों से हारेंगे तो पता चलेगा कि 500 वोट का कितना महत्व होता है. मेर वजह से बिहार में बीजेपी जीत भी सकती है और हार भी सकती है.

स्थानीय संगठन नहीं चाहता है कि सुभसपा की एंट्री बिहार में हो

सुभसपा नेता अरविंद राजभर यही नही रुके उन्होंने कहा कि सुभसपा के राष्ट्रीय महासचिव शशिभूषण प्रसाद और बहुत बड़े-बड़े चेहरे हमारी पार्टी से चुनाव लड़ेंगे. जेडीयू, आरजेडी, लोजपा और बीजेपी से भी हटने वाले लोग भी लाइन में है. हमारे लोग बातचीत कर रहे है. राजभर ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार क स्थानीय संगठन नही चाहता है कि सुभसपा की एंट्री बिहार में हो.

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