उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव के लिए ग्राम पंचायतों के नए परिसीमन की प्रक्रिया पूरी हो गई है और अब अगले चरण में आरक्षण को लेकर तैयारी की जा रही है. जिसे देखते हुए पंचायती राज विभाग ने बड़ा कदम उठाया है. विभाग ने राज्य ग्रामीण निकास समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन के लिए छह सदस्यीय आयोग का प्रस्ताव शासन को भेजा है. इस आयोग की जनसंख्या को लेकर रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की प्रक्रिया को बढ़ाने की बात कही गई है.
पंचायती राज विभाग द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर कैबिनेट की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी. जिसमें आयोग की जनसंख्या संबंधी रिपोर्ट के आधार पर ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत चुनावों में आरक्षण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी. खबरों के मुताबिक इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद आयोग का गठन होगा और जनसंख्या का डाटा तैयार किया जाएगा. जिसके बाद त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान हो सकेगा.
आरक्षण को लेकर तेज हुई प्रक्रियायूपी में अगले साल अप्रैल मई के महीने में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हो सकते हैं, जिसे लेकर विभाग के द्वारा तमाम स्तर पर तैयारी की जा रही है. ग्राम सभाओं के नए परिसीमन में 504 ग्राम पंचायतें कम हो गई है. जिसके बाद अब ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57695 हो गई है. इसके बाद अब अगले चरण में आरक्षण का काम किया जाना है.
इस प्रक्रिया में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्यों समेत अन्य पदों को लेकर आरक्षण किया जाना है. इसी को देखते हुए छह सदस्यीय आयोग के गठन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद जनसंख्या डाटा का संकलन किया जाएगा. जिसे देखते हुए सीटों पर आरक्षण तय होगा. माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद आरक्षण की प्रक्रिया अक्टूबर माह तक शुरू की जा सकेगी.
बता दें कि अभी आरक्षण की प्रक्रिया कब शुरू होगी ये तय नहीं हो पाया है. लेकिन, संबंधित विभागीय अधिकारियों ने आरक्षण को लेकर मंथन शुरू कर दिया है.