गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में आगामी 19 अप्रैल को त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत का चुनाव होना है. वैसे तो ये चुनाव सभी ग्राम पंचायत स्तर के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं. लेकिन, उन लोगों के लिए ये एक सपने के सच होने जैसा है जो आजादी के बाद ग्राम पंचायत स्तर पर अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे. ये लोग उत्साहित हैं कि उनके मत से इस बार कोई उम्मीदवार विजयी होगा और उन्हें भी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सकेगा. 


नहीं हैं बुनियादी सुविधाएं 
ये लोग घने जंगलों के बीच रहते हुए आदिवासियों की तरह जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं. गोंडा मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर के आसपास तहसील क्षेत्र में वन टांगिया लोग रहते हैं. यहां कई छोटे-छोटे मजरे अलग-अलग बने हुए हैं. इनकी आबादी करीब एक हजार के आसपास है. इन लोगों के पास घास फूस के घर हैं. कमाई के लिए पूरी तरह से जंगल पर ही निर्भर हैं. इनके पास ना तो पक्के मकान हैं और ना ही खुद की जमीन. 


सीएम योगी की पहल 
जंगलों से घिरा हुआ एक गांव महुली खोरी है. यहां रहने वाले लोगों के पास आने-जाने के लिए पक्का मार्ग तक नहीं है. ना ही गांव में लाइट और ना ही सरकारी स्कूल. पूरा गांव जंगलों से घिरा है और यहां के लोग आदिवासियों की तरह जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं. अब ये लोग भी सरकार की योजनाओं का लाभ लेना चाहते हैं. वर्ष 2018 में मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ ने वन टांगिया जैसे गांवों को राजस्व गांव का दर्जा दिया था और 2021 में ग्राम पंचायत का गठन होने के बाद यहां पर ग्राम पंचायत का चुनाव 19 अप्रैल को होगा. 


सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाए 
गांव के लोगों का कहना है कि उन्हें भी सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाए, जमीन दी जाए, घर दिया जाए. लाइट के साथ अस्पताल और स्कूल दिया जाए. इलाज के साथ बच्चों की पढ़ाई हो सके. अभी तक तो गुजारा हो गया लेकिन आगे पीढ़ी इस तरीके से काम नहीं कर पाएगी. आजादी के बाद पहली बार यहां पर ग्राम पंचायत का चुनाव होगा. लोग चाहते हैं कि जो भी उम्मीदवार जीते वो गांव का विकास करे. 


पहली बार पंचायत चुनाव में डालेंगे वोट 
योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा और विशेष निगरानी में जिले के परिवारों के 766 मतदाताओं को आजादी के 74 साल बाद पहली बार लोकतंत्र के पर्व में मताधिकार का प्रयोग कर गांव की सरकार बनाने का मौका मिलने जा रहा है. इन पांचों वन टांगिया ग्राम के निवासियों का नाम पहली बार मतदाता सूची में शामिल हुआ है. वन टांगिया गांव में महेशपुर के 223 मतदाता, रामगढ़ के 157, अशरफाबाद के 44, मनीपुर ग्रंट के 61 और बुटहनी के 281 सहित 766 मतदाता पहली बार पंचायत चुनाव में अपना वोट डालेंगे.  


मतदाता सूची में शामिल किया गया नाम 
अशरफाबाद वन टांगिया गांव को अमवा ग्राम पंचायत, मनीपुर ग्रंट और बुटहनी गांव को महुली खोरी, महेशपुर और रामगढ़ के 380 निवासियों को हरदा ग्राम पंचायत में जोड़ा गया है. जिसमें हरदा में 380 वन टांगिया, अशरफाबाद, मनीपुर ग्रंट और बुटहनी के 386 निवासियों का नाम मतदाता सूची में शामिल कराया गया है. राजस्व ग्रामों के रूप में दर्ज किए गए राजस्व ग्राम अशरफाबाद की 71, बुटहनी की 498, मनीपुर ग्रंट की 80, रामगढ़ की 301 तथा महेशपुर की आबादी 363 सहित पांचों राजस्व ग्रामों की कुल आबादी 1313 है. जिसमें, से 766 लोगों का नाम पात्रता के अधार पर मतदाता सूची में शामिल किया गया है. 


19 अप्रैल को चुनाव होना है
जब पूरे मामले को लेकर जिला अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने के बाद यहां पर राजस्व गांव का दर्जा दिया गया. आजादी के बाद यहां पर 19 अप्रैल को चुनाव होना है. इसके तहत सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. लगभग 7 से 8 सौ के करीब वहां पर जो लोग हैं या मतदाता हैं वो अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग करें. ये पूरा इलाका जंगलों से घिरा हुआ है और मनकापुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसके अंतर्गत कई कई छोटे-छोटे मजरे अलग-अलग बसे हुए हैं. 


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