उत्तर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देश पर वाराणसी पुलिस द्वारा ऑपरेशन टॉर्च के तहत वाराणसी में अवैध तरीके से रह रहे  बांग्लादेशी, रोहिंग्या पर शिकंजा कसा जा रहा है. जनपद के अलग-अलग जगहो पर 500 से अधिक संदिग्ध मिले हैं, जिनके दस्तावेज के आधार पर पहचान की जा रही है और उन्हें इसके लिए एक सप्ताह का वक्त दिया गया है.

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इस संबंध में वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल की तरफ से एबीपी लाइव को मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी के काशी, गोमती और वरुणा जोन से कुल 500 से अधिक संदिग्ध मिले, जिनसे उनकी पहचान के लिए पहचान पत्र मांगा गया है. उनका कहना है कि वह अलग-अलग राज्यों से यहां तक कामकाज के लिए पहुंचे हैं. उन्हें एक हफ्ते का वक्त दिया गया है. अगर वह इसकी सत्यता साबित नहीं कर पाते हैं तो उन्हें डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा. 

वरुणा जोन में सबसे ज्यादा संदिग्ध

वाराणसी में पुलिस प्रशासन द्वारा इस अभियान को युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है. वाराणसी के 3 जोन में सबसे ज्यादा वरुणा जोन में 200, गोमती जोन में 175, और काशी जोन में 150 संदिग्ध मिले हैं. अब देखना होगा कि इनमें से कितने लोग अपना पहचान बताने में सक्षम रहते हैं.

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सीएम योगी कार्रवाई में जनता से मांगा सहयोग

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार उत्तर प्रदेश में रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त है, सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने अब इस कार्रवाई में जनता से सहयोग की अपील की है.

दैनिक जागरण में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, "मुख्यमंत्री ने सोमवार को प्रदेशवासियों के नाम खुला पत्र लिखा है. इसमें सार्वजनिक संस्थानों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान चलाने की बात कही है." आपको बता दें कि वाराणसी के अलावा यूपी के अलग-अलग जनपदों में पुलिस का यह अभियान तेजी से जारी है.