बस्ती: उत्तर प्रदेश के बस्ती में पंचायत चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद भी कुछ ग्राम पंचायत सदस्यों को शपथ नही दिलाई गई और उनकी सदस्यता भी गुपचुप तरीके से रद्द कर दी गई. डीएम सौम्या अग्रवाल के सामने सभी जीते हुए ग्राम पंचायत सदस्यों ने परेड कर न्याय की गुहार लगाई. उन्होंने मांग किया कि उन्हें जनता ने चुना है तो फिर कैसे उनका अधिकार छीना जा रहा है. दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की भी सदस्यों ने मांग की है.


बता दें कि विकास खण्ड रामनगर के धौरहरा ग्राम पंचायत के पांच नव निर्वाचित सदस्यों ने ग्राम पंचायत अधिकारी और खण्ड विकास अधिकारी द्वारा उनका शपथ ग्रहण न कराए जाने की शिकायत की है. डीएम को दिए गए शिकायती प्रार्थना पत्र में कहा है कि उन्हें शपथ ग्रहण की कोई सूचना तक नहीं दी गई जिस कारण वे 25 मई को शपथ ग्रहण नहीं कर सके. अब ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा उनका निर्वाचन ही निरस्त होने की बात कही जा रही है. 


मामला संज्ञान में है जांच कर कार्यवाही की जा रही है- डीएम


धौरहरा के नव निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्य बाबूराम, राधा देवी, ऊषा पाण्डेय, सज्जन पाण्डेय, मालती देवी का कहना है कि इसकी शिकायत उनके द्वारा 29 मई को सीएम से आईजीआरएस पोर्टल पर भी की गई. डीएम सहित अन्य उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया. उन्हें शपथ ग्रहण की तारीख की सूचना दिए जाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन कोई सूचना नहीं दी गई. शपथ ग्रहण न होने और इसकी सूचना न मिलने के बाद जब उन्होंने 18 जून को ग्राम पंचायत अधिकारी से बात किया तो उनके द्वारा बताया गया कि आपका निर्वाचन निरस्त हो गया है. 


डीएम को दिए गए शिकायती पत्र में निर्वाचित ग्राम पंचायत सदस्यों ने कहा है कि निर्वाचित सदस्यों का निर्वाचन निरस्त होने की बात कहकर ग्राम पंचायत अधिकारी ने पूर्ण रूप से असंवैधानिक रवैए का परिचय दिया है. उनका यह कहना निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है. ऐसी स्थिति में बीडीओ रामनगर को स्पष्ट आदेश देते हुए शपथ ग्रहण कराए जाने का डीएम से आग्रह किया है. इस मामले को लेकर डीएम सौम्या अग्रवाल ने कहा कि मामला संज्ञान में है जांच कर कार्यवाही की जा रही है.


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