उत्तर प्रदेश स्थित बाराबंकी में श्रीरामस्वरूप मेमोरियाल विश्वविद्यालय में पुलिस की कार्रवाई के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के नेता और विधायक देवेंद्र प्रताप सिंह ने छात्र संघ बहाल करने की मांग की है. इस संदर्भ में सदस्य विधान परिषद् ने सीएम योगी को पत्र लिखा है. विधायक द्वारा सोशल मीडिया साइट एक्स पर साझा किए गए पत्र के संदर्भ में लिखा गया है- सीएम योगी आदित्यनाथ से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं पर हुए पुलिस उत्पीड़न /लाठीचार्ज में दोषी अधिकारियों/पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग की.
चिट्ठी में देवेंद्र प्रताप सिंह ने लिखा कि श्री राम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में शान्तिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं पर बाराबंकी पुलिस द्वारा किये गये बर्बर लाठी चार्ज और प्रताड़ना से प्रदेश का समस्त छात्र समुदाय मर्माहत है. विवाद का मूल कारण विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों से शुल्क के नाम पर अवैध धनादोहन, अमान्य एवं फर्जी पाठ्यक्रमों का संचालन तथा लॉ काउसिंल इण्डिया द्वारा सत्र 2022 में विधि के पांच वर्षीय पाठ्यक्रम की मान्यता रद्द किये जाने के बावजूद अवैध रूप से उक्त पाठ्यक्रम में लगातार प्रवेश लेकर छात्रों को फर्जी व अमान्य डिग्रीयों दिया जाना था. उन्होंने लिखा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भारतीय जनता पार्टी का अनुषांगिक संगठन है. जिसे दुनिया के सबसे बड़े विद्यार्थी संगठन होने का गौरव प्राप्त है. देश व प्रदेश में संचालित अधिकांश निजी विश्वविद्यालय पूंजी बाजार से निकले हुए धन पशुओं द्वारा जनता से धनादोहन के उद्देश्य से स्थापित किये गये हैं. इन संस्थानों ने देश की उत्कृष्ट शिक्षा व्यवस्था को दीमक की तरह चाट कर खोखला कर दिया है. ऐसे विश्वविद्यालय एक तरफ छात्रों से भरपूर दोहन व शोषण करते हैं, वहीं दूसरी तरह अपने संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मचारियों को शासनादेश के विपरित सम्मानपूर्ण जीवन जीने भर का वेतन भी नहीं देना चाहते.
जेल की सलाखों के पीछे भेजे जाएं आरोपी पुलिस कर्मी- विधायक
छात्रसंघ बहाली की मांग करते हुए उन्होंने लिखा कि इन समस्त विसंगतियों की जड़ प्रदेश में छात्रसंघों के चुनाव पर लगाया गया अनावश्यक अवरोध है. छात्रसंघ संस्थानों में छात्रों के अधिकार और शोषण के विरूद्ध संघर्ष करने का कार्य करते हैं. श्री रामस्वरूप विश्वविद्यालय में छात्रों पर किया गया अत्याचार की घटना मर्माहत करने वाली है. पुलिस के अत्याचार से दो दर्जन से अधिक छात्र अस्पताल में गम्भीर रूप से घायल हैं. अनेक छात्रों के सर फाड़ दिये गये हैं कई के हाथ-पैर व हड्डिया तोड़ डाली गयी है
राहुल गांधी के मामले में फैसला सुरक्षित, सीएम योगी के बायोपिक की रिलीज डेट का ऐलान, पढ़ें यूपी की पांच बड़ी खबरें विधायक ने लिखा कि आग्रह है कि प्रदेश के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में अनिवार्य रूप से छात्रसंघों की बहाली की जाए तथा श्री राम स्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय की मान्यता को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति व इस घटना के लिए जिम्मेंदार प्रशासन के अधिकारियों तथा छात्रों पर पशुवत लाठियाँ बरसाने वाले सभी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाए, साथ ही प्रभावित छात्रों को विधि के उत्कृष्ट संस्थानों में स्थानान्तरित कर उनके भविष्य को बर्बाद होने से बचाया जाए.