Jalaun News: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाए हुए हैं लेकिन अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से बाज नहीं आते. ताजा मामला जालौन का है जहां करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. भूमि एवं जल संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर बिना तालाब खोदे ही करोड़ों रुपयों का भुगतान कर दिया. 


इसका खुलासा तब हुआ जब ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी चांदनी सिंह द्वारा विभाग से दस्तावेज मांगे गए. डीएम ने तत्काल मामले का संज्ञान लेते हुए जांच बैठा दी है और 4 जांच कमेटियां बनाई है. साथ ही इस मामले की शासन को रिपोर्ट भेजते हुए भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. 


6 सालों से चल रहा है भ्रष्टाचार का खेल
जालौन के जिला भूमि एवं जल संरक्षण विभाग में यह भ्रष्टाचार पिछले 6 सालों से निरंतर चल रहा है. इस विभाग में शासन से 4 योजनाओं द्वारा काम किया जाना था, जिसमें प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रॉप मोर क्रॉप अंडर इंटरवेंशन घटक के अंतर्गत खेत तालाब योजना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि समृद्धि योजना, बुंदेलखंड पैकेज के अंतर्गत रेन वाटर हार्वेस्टिंग बंड एवं मल्टीपरपज फार्म पॉन्ड अनुमोदनार्थ और निष्पादित परियोजना का अनुरक्षण किया जाना था.

इस योजना की शुरुआत सपा सरकार में 20 मई 2016 में की गई थी, जिसका उद्देश्य वर्षा जल संचयन सिंचाई के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि करना था. इसमें लघु तालाब की खुदाई का चयन ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भूमि एवं जल संरक्षण विभाग द्वारा किया जाना था. इस विभाग को खेत तालाब योजना के तहत वर्षा जल का संचयन, मत्स्य पालन को बढ़ावा देना था, खेत में तालाबों के खुद जाने से किसानों को इसका लाभ दिया जाना था. जिससे वह मेड़ों पर फलदार पौधे लगा सके एवं दलहन फसलों की बुवाई तथा सब्जी उत्पादन कर अतिरिक्त आय का लाभ ले सके. मगर पिछले 6 वर्षों से भूमि एवं जल संरक्षण विभाग के अधिकारी जनपद में तैनात रहने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर और करोड़ों रुपये निकालकर कार्य की प्रगति रिपोर्ट झूठी देते रहे.


सिर्फ कागजों पर खोदे गए तालाब


जनपद में खेत तालाब योजना आने के बाद भी जब डकोर, जालौन, नदीगांव, माधौगढ़, रामपुरा, कुठौंद, महेवा, कदौरा विकासखंड में खेत तालाब योजना के तहत तालाब नहीं खोदे गये तो ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की, मगर भूमि एवं जल संरक्षण अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लगातार गुमराह करते रहे. उन्हें झूठी ही रिपोर्ट प्रस्तुत करते रहे कि पिछले 6 सालों में जनपद में 3220 खेत में तालाब खोदे गए हैं और किसानों को लाभ भी दिया जा रहा है.

इस रिपोर्ट के आधार पर करोड़ों रुपये निकालकर भूमि एवं जल संरक्षण अधिकारियों द्वारा बंदरबांट कर लिया गया. किसान इस इस योजना के लाभ से वंचित रहे, लेकिन ग्रामीण और किसानों द्वारा लगातार की जाने वाली शिकायत को जालौन की वर्तमान जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने संज्ञान लिया और शिकायत पर खुद उस इलाके में जाकर स्थलीय निरीक्षण किया. इसके बाद मामले में पत्रावली मंगवाई गई, इस पत्रावली और स्थलीय निरीक्षण के माध्यम से इस भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ. डीएम ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जांच बैठा दी है और शासन को पत्र लिखते हुए भ्रष्टाचार में लिप्त दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की रिपोर्ट भेजी है.


डीएम ने दिए जांच के आदेश
डीएम ने बताया कि भ्रष्टाचार के खुलासे के लिए चार सदस्य अधिकारियों की टीम बनाई है, जिसमें एडीएम नमामि गंगे, एडीएम वित्त एवं राजस्व और अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है, इन सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जल्द से जल्द इस मामले में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करे. जिससे इस योजना में कितना भ्रष्टाचार हुआ है उसका खुलासा हो सके.


सिर्फ कागजों पर खोदे गए तालाब

जालौन में पिछले 6 वर्षों में 3220 तालाब खोदे जाने थे, जिसमें वर्ष 2016-17 में डी.पी.ए.पी उरई द्वारा 78, वर्ष 2017-18 में 109, वर्ष 2018-19 में 145, वर्ष 19-20 में 117, वर्ष 20-21 में 173 और वर्ष 21-22 में 139 तालाबों को खुदाई कराने थे. राष्ट्रीय जलागम जालौन प्रथम द्वारा वर्ष 2016-17 में 78, वर्ष 17-18 में 108, वर्ष 18-19 में 145, वर्ष 19-20 में 173, वर्ष 20-21 में 191, और वर्ष 21-22 में 221 तालाब को खोदा जाना था. राष्ट्रीय जलागम जालौन द्वितीय द्वारा वर्ष 16-17 में 77, वर्ष 17-18 में 109, वर्ष 18-19 में 150, वर्ष 19-20 में 158, वर्ष 20-21 में 107 और वर्ष 21-22 में 115 की खुदाई होनी थी. जबकि राष्ट्रीय जलागम उरई द्वारा वर्ष 16-17 में 78, वर्ष 17-18 में 109, वर्ष 18-19 में 150, वर्ष 19-20 में 132, वर्ष 20-21 में 122, और वर्ष 21-22 में 236 तालाबों की खुदाई की जानी थी, मगर अभी तक इन तालाबों की खुदाई नहीं हुई है

शासन ने भूमि एवं जल संरक्षण के डीपीएपी उरई, राजकीय जलागम जालौन प्रथम, राजकीय जलागम जालौन द्वितीय, और राजकीय जलागम उरई वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 25 करोड़ की धनराशि आवंटित की थी, जिसके लिए प्रत्येक 2 माह में बैठक विभाग की तरफ से बैठक का आयोजन किया जाना था, मगर विभाग द्वारा पिछले 6 सालों से किसी तरह की कोई भी प्रगति कार्य की बैठक नहीं की गई, जिस कारण इसमें लगातार भ्रष्टाचार हो रहा था, जिसके बाद जिलाधिकारी द्वारा इस मामले में शासन को रिपोर्ट भेजी है, जिससे दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके. 


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