भारतीय जनता पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री, सदस्य विधान परिषद् दिनेश प्रताप सिंह ने उस तस्वीर पर सफाई दी है जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने उनके बेटे से हाथ मिलाते नजर आ रहे थे. दिनेश प्रताप सिंह ने इस मामले में कहा कि उनके बेटे को राहुल से हाथ नहीं मिलाना चाहिए था. उनके पैर छूने चाहिए थे. 

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सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर एक पोस्ट में दिनेश प्रताप सिंह ने लिखा कि कल सम्पन्न हुई रायबरेली दिशा की बैठक के बाद राहुल गांधी ने  वहां उपस्थित सभी  विधायक और ब्लाक प्रमुख की ओर जाकर हाथ मिलाया. सिर्फ मेरे बेटे से ही हाथ मिलाने वाली फोटो कांग्रेस के लोगों ने खूब वायरल करके हमें ट्रोल कराने का प्रयास किया. राहुल गांधी ने सबसे हाथ मिलाया और यह अच्छी पहल थी.

उन्होंने लिखा कि वैसे संभव है मेरे बेटे को राहुल गांधी पहचानते न हो किन्तु मेरे कुछ आलोचक मेरे बेटे से हाथ मिलाने वाली फोटो को इसलिए वायरल भी कि जनता नाराज हो जाए, पार्टी नेतृत्व और सरकार नाराज हो जाए.

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'हाथ नहीं मिलाना चाहिए था...'

उन्होंने लिखा कि किराए के कांग्रेस भाइयों और अपने आलोचको से मैं कहना चाहता हूं तुम्हारे ऊपर या तो कांग्रेस की मजदूरी हावी है या पाश्चात्य संस्कृति. हमें दुःख हुआ जब मेरे बेटे की ओर राहुल गांधी हाथ मिलाने गए तो मेरे बेटे को हाथ नहीं मिलाना चाहिए था बल्कि उनके पैर छूकर प्रणाम करना चाहिए था, इससे न भाजपा, न रायबरेली के भारतीय संस्कृति के पोषक लोग नाराज नहीं बल्कि इन संस्कारों को देखकर खुश होते. राहुल गांधी मेरे बेटे के पिता की उम्र के हैं तो उनका सम्मान उसी स्तर का होना चाहिए, अब राहुल गांधी और कांग्रेसियो की परवरिश और खून का अंतर है जो  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां और अपनी मां में अंतर समझते है,यह उनका काम है वो जाने.

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दिनेश प्रताप सिंह ने लिखा कि वैसे राहुल गांधी ने हमसे हाथ नहीं मिलाया जबकि उनके आने पर मैं खड़ा हुआ और अभिवादन भी किया. लेकिन मुझे खुशी है कि दिनेश सिंह कांग्रेस और राहुल गांधी की छाती पर चढ़कर अपनी पार्टी और अपनी सरकारो का झण्डा हमेशा ऊंचा रखते है मेरे रहते मेरे मतदाताओं , शुभचिंतकों का झंडा कभी झुकने नहीं पता - मैं चुनाव हार गया हूं हौसला नहीं. वैसे अब यह विषय बहुत हो गया हाथ जोड़कर सबसे प्रार्थना है इसे खत्म करके अपनी-अपनी दिशा में आगे बढ़े.