UP Assembly Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) में शुक्रवार को दंड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2022 ध्वनि मत से पारित हो गया. इस संशोधन विधेयक में नाबालिग बच्चियों और महिलाओं से रेप (Rape) के मामले में अग्रिम जमानत (Anticipatory bail) नहीं देने का प्रावधान किया गया है.
विधानसभा में ध्वनि मत से पारित हुआ विधेयक
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने शुक्रवार को सदन में दंड प्रक्रिया संहिता (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, 2022 पारित करने का प्रस्ताव रखा. विधेयक के पक्ष में सत्ताधारी सदस्यों के बहुमत की वजह से विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने इसे पारित करने की घोषणा की. मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी और उसकी सहयोगी रालोद के सदस्यो ने सदन का पूरे दिन के लिए बहिष्कार किया था वहीं कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपे जाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन सत्ता पक्ष के सदस्यों के विरोध की वजह से उनका प्रस्ताव गिर गया.
रेप के आरोपी को नहीं मिल सकेगी अग्रिम जमानत
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधेयक के बारे में सदन को बताया कि इस संशोधन विधेयक में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामले और महिलाओं से रेप के आरोपियों को अब अग्रिम जमानत न देने का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि बालकों, बेटियों और महिलाओं के यौन अपराधों में अग्रिम जमानत न मिलने से आरोपियों द्वारा सबूतों को नष्ट करने की संभावना कम होगी. साथ ही आरोपी की ओर से पीड़ित या उसके गवाहों को भयभीत या प्रताड़ित नहीं किया जा सकेगा.
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