Lucknow News: नोएडा (Noida) में भ्रष्टाचार की इमारत ट्विन टावर (Twin Tower) को चंद सेकेंड में जमींदोज कर दिया गया, जिसे लेकर सरकार ने अपनी पीठ भी जमकर थपथपाई और विपक्ष को आड़े हाथों लिया, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर सूबे का राजधानी लखनऊ (Lucknow) में अवैध निर्माण पर कार्रवाई कब होगी? लखनऊ में बड़ी संख्या में एलडीए (LDA) की मिलीभगत से अवैध निर्माण फल फूल रहा है लेकिन यहां कार्रवाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता ही नजर आती है. हालांकि एलडीए वीसी डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी का दावा है के एलडीए अवैध निर्माण (Illigal Construction) की एक नई सूची तैयार करा रहा है जो शनिवार तक आ जाएगी. इसके बाद अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ा अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ में अवैध निर्माण पर कार्रवाई कब?एलडीए ने इसी साल 30 मार्च को नजूल की जमीन पर बने 6 मंजिला यजदान अपार्टमेंट पर बुलडोजर चलाया था. यह अपार्टमेंट मुख्यमंत्री आवास से बमुश्किल एक से डेढ़ किलोमीटर दूर होगा और एलडीए से इसकी दूरी महज एक किमी दूर है. कार्रवाई के नाम पर शुरुआत के एक-दो दिन बुलडोजर चलाकर कुछ हिस्सा तोड़ा गया लेकिन इसके बाद ये इमारत यूहीं ही खड़ी है. कुछ समय पहले इस बिल्डिंग को जमींदोज करने के लिए टेंडर निकाला गया लेकिन एलडीए को कोई फर्म नहीं मिली जो इसे जमींदोज कर सके. अब एक बार फिर टेंडर निकाला गया है. 

अफसरों की मिलीभगत से हुआ अवैध निर्माण

लखनऊ के हजरतगंज, अमीनाबाद, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड, गोमती नगर, महानगर, अलीगंज, लालबाग, आलमबाग, आशियाना, कानपुर रोड समेत लगभग हर इलाके में अवैध अपार्टमेंट व अन्य अवैध निर्माण मिल जायेंगे. इतना ही नहीं एलडीए कई जगह अवैध निर्माण सील करता है तो बाद में एलडीए के लोगों की ही मिलीभगत से उसमें भी चोरी-छिपे काम शुरू हो जाता है. राजधानी लखनऊ में इस साल 500 अवैध निर्माण चिन्हित किये जा चुके हैं. आपको बता दें कि लखनऊ में 265 अवैध कॉलोनी हैं और 7389 कमर्शियल और ग्रुप हाउसिंग है. इनमें 140 कमर्शियल और ग्रुप हाउसिंग की इमारतों को कम्पलीशन सर्टिफिकेट मिला है. 

एलडीए बना रहा है अवैध निर्माण की सूचीलखनऊ में अवैध निर्माण को लेकर जब एलडीए वीसी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एलडीए ने अवैध निर्माण को सूचीबद्ध करना शुरू किया है. रो हाउस, इल्लीगल हाईराइज बिल्डिंग, बड़े कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाये गए हैं जिनकी सूची बन रही है. इनकी मंशा हमारी प्लानिंग को ध्वस्त करते हुए लाभ कमाने की है. इस तरह के जो बड़े लोग हैं उनकी सूची बन रही है जो शनिवार तक आ जाएगी. इसमें हम देख रहे हैं कि कितने प्रकरणों में अपील पेंडिंग है या लीगल इश्यूज है. यजदान बिल्डर्स व कुछ अन्य प्रकरण के लिए हमने टेंडर भी किया है बिल्डिंग गिराने के लिए. 

कई कर्मचारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई

एलडीए वीसी ने कहा कि उन मामलों की भी सूची मांगी गई है जिनका ध्वस्तीकरण का आदेश पारित हो चुका है लेकिन अब तक कार्रवाई बाकी है. सील बिल्डिंग को लेकर तकनीक का प्रयोग किया है. दृष्टि ऐप शुरू किया है, जिससे सील बिल्डिंग पर रेगुलर मॉनिटरिंग की जा सके. कुल 195 प्रकरणों में सही लोकेशन फोटो के साथ दृष्टि ऐप पर अपलोड हो चुकी है. एक सप्ताह का वक्त दिया गया है जिन पर डेमोलिशन आर्डर पारित है या सीलिंग है उनको 100 फ़ीसदी दृष्टि पर ले आए और पाक्षिक रूप से उसको अपडेट करते रहे. डॉ. इन्द्रमणि ने कहा कि जिन कर्मचारियों की मिलीभगत पाई गई थी उन्हें सस्पेंड भी किया गया है. कुछ चार्जशीट हुई है कुछ और रिपोर्ट हमें मिल रही है. 

ये भी पढ़ें-