JPC Meeting Lucknow: वक्फ अधिनियम पर संसद द्वारा गठित जेपीसी की बैठक मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होगी.  लखनऊ में होगी JPC की बैठक, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा होगी.  वक्फ बोर्ड संशोधन अधिनियम 2024 पर मुसलमानों की राय और सुझाव लेने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की कल होटल मैरियाट, गोमती नगर में विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक होगी. बैठक की शुरुआत सुबह दस बजे होगी. समिति की पहली बैठक 22 अगस्त 2024 को हुई थी.  

इस बैठक में जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल, सदस्य असदुद्दीन ओवैसी, मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी, संजय जायसवाल,इमरान मसूद, समेत दस सदस्यों के साथ उत्तर प्रदेश सरकार, अल्पसंख्यक कार्य विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय के प्रतिनिधियों के अलावा उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड, राज्य अल्पसंख्यक आयोग सहित कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इससे पहले बिहार में जेपीसी की बैठक हुई थी.

समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया था कि जेपीसी संसद के 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.जगदंबिका पाल ने कहा, बिहार से एक व्यक्ति ने हमसे संपर्क किया और बताया कि वह लगातार वक्फ संपत्तियों को अतिक्रमण से बचाने के लिए सुरक्षा की मांग कर रहा है.

क्या है वक्फ बोर्ड?वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करता है. वक्फ को दान का एक रूप माना जाता है. बिहार जैसे राज्यों में अलग-अलग शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड हैं. वक्फ मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए दी गई संपत्ति है. संपत्ति और संपत्ति से हुए मुनाफे को हर राज्य के वक्फ बोर्ड प्रबंधन करते हैं. 1954 में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने वक्फ अधिनियम पारित किया था. सरकार ने 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना की. 1995 में, प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में वक्फ बोर्ड के गठन की अनुमति देने के लिए कानून में संशोधन किया गया है. वक्फ बोर्ड यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि वक्फ संपत्ति से उत्पन्न आय का उपयोग मुस्लिम समुदाय के विकास के लिए किया जाए.

 (इनपुट- वीरेश पांडेय)

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