सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई (बीआर गवई) पर जूता फेंके जाने के मामले पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रतिक्रिया दी है. रामभद्राचार्य ने सीजेआई पर जूता फेंकने की घटना की निंदा की है. रामभद्राचार्य ने इस घटना को गलत बताया है, साथ ही उन्होंने सीजेआई की टिप्पणी को भी गलत बताया है.

Continues below advertisement

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने शनिवार (11 अक्टूबर 2025) को मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने की घटना को गलत बताया है. रामभद्राचार्य ने कहा, चीफ जस्टिस ने अपनी मर्यादाओं से हटकर ऐसा किया, आज तक हमने बहुत चीफ जस्टिस देखे लेकिन इतना किसी ने नहीं किया. यद्यपि जूता फेंकना गलत है, लेकिन सीजेआई का बयान भी गलत था.

SC बार एसोसिएशन ने रद्द की वकील की सदस्यता

उधर, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंके जाने के मामले में बड़ा एक्शन लिया है, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने जूता फेंकने वाले वकील राम किशोर की सदस्यता गुरुवार (9 अक्टूबर 2025) को सदस्यता रद्द कर दी है. इसके साथ ही वकील के कोर्ट में वकील के प्रवेश के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया है.

Continues below advertisement

जूता फेंकने वाले वकील ने क्या कहा?

चीफ जस्टिस पर जूता फेंकने वाले वकील राम किशोर ने कहा, 'बात यह है कि मैं बहुत ज्यादा आहत हुआ कि 16 सितंबर को चीफ जस्टिस की कोर्ट में किसी व्यक्ति ने जनहित याचिका डाली थी. जिस पर गवई साहब ने पहले तो उसका पूरी तरह से मजाक उड़ाया. मजाक यानी यह कहा कि आप मूर्ति से प्रार्थना करो जाकर, मूर्ति से कहो जाकर कि अपना सिर खुद दोबारा बना ले.'

आपको बता दें कि, 6 अक्टूबर 2025 को भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर कार्यवाही के दौरान जूता फेंकने की घटना सामने आई थी. हालांकि, मुख्य न्यायाधीश गवई ने इस घटना को भूला हुआ अध्याय बताया है.

ये भी पढ़ें: सपा सांसद इकरा हसन के बयान पर हंगामा, हिंदू रक्षा दल ने की नारेबाजी, बढ़ाई गई सुरक्षा