उत्तर प्रदेश के बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ अभियान को लेकर उठे विवाद और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने शनिवार को कहा कि मस्जिदें नमाज के लिए होती हैं, सड़क पर हिंसा के लिए नहीं. मसूद ने सहारनपुर में पत्रकारों से कहा, “मस्जिदें नमाज के लिए होती हैं, सड़क पर हिंसा के लिए नहीं. हर मुसलमान को मोहम्मद से प्यार है और इसे जाहिर करने के लिए कोई तमाशा खड़ा करने की जरूरत नहीं है.” कांग्रेस सांसद ने मुसलमानों से मोहम्मद के प्रति प्रेम दिखाने के लिए सड़कों पर तमाशा खड़ा करने के बजाये उनके सिद्धांतों का पालन करने की अपील.

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मसूद ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि क्या हो रहा है लेकिन यह किसी भी हालत में जायज नहीं है. उन्होंने कहा कि मौलानाओं (मुस्लिम धर्मगुरुओं) को भी आगे आकर इसे रोकना चाहिए. कांग्रेस नेता ने कहा कि मोहम्मद ने हिंसा का नहीं बल्कि मानवता का उपदेश दिया और यह सब बंद होना चाहिए.

संजय निषाद ने भी की टिप्पणी

बता दें कानपुर से शुरू हुए इस विवाद का असर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी दिख रहा है. ग्रेटर नोएडा में एक कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद ने बरेली हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि देश में हिंसा की कोई जगह नहीं है. संजय निषाद ने बरेली हिंसा पर आईएएनएस से बात करते हुए कहा, इस देश में हिंसा की कोई जगह नहीं. माफिया और दहशतगर्दों के लिए कोई जगह नहीं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं और उन्हीं की सरकार है. पिछली सरकारों में तलवार से त्योहार मनता था. जिसे संस्कार से रहना हो, वह रहे, नहीं तो सलाखों के पीछे जाए. दंगा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश होगा. योगी ने जो वादा किया है, उसे पूरा करेंगे.

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कुछ लोग भीड़ भड़काने की कोशिश कर रहे - सपा विधायक

दूसरी ओर कानपुर में हुए विवाद पर समाजवादी पार्टी के विधायक हसन रूमी ने अपनी प्रतिक्रिया दी. रूमी ने कहा, कुछ लोग 2013 से ही सांप्रदायिक माहौल खराब कर राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. 'आई लव मोहम्मद' मामले में न तो कोई एफआईआर दर्ज हुई है और न ही किसी की गिरफ्तारी हुई. प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि इस घटना से जुड़ा कोई मुकदमा नहीं है.उन्होंने बताया कि 25 लोगों के नाम एफआईआर में होने की चर्चा गलत है. किसी उपनिरीक्षक द्वारा अनजाने में कुछ नाम शामिल किए गए थे, लेकिन वह मामले का हिस्सा नहीं था. विवाद को बेवजह बढ़ाया जा रहा है, जबकि मामला खत्म हो चुका है. कुछ लोग राजनीतिक फायदा उठाने और भीड़ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.

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रूमी ने बरेली के संगठनों पर तंज कसते हुए कहा कि वहां मेमोरेंडम देने की बात हो रही है, जबकि कानपुर में कोई कार्रवाई ही नहीं हुई.बता दें कि बरेली में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें 10 पुलिसकर्मी घायल हो गए और लाठीचार्ज करना पड़ा. इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माहौल बिगाड़ने वालों को बख्शने की चेतावनी दी है.-