Kanpur News: आईआईटी कानपुर ने क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड का पता लगाने में सहायक एक स्वदेशी उपकरण बनाने में सफलता प्राप्त की है. क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन के माध्यम से धोखाधड़ी के मामलों का पता लगाने के लिए  इस उपकरण (TOOL)  को उत्तर प्रदेश पुलिस को दिया जायेगा. इस उपकरण को लेकर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर संदीप शुक्ला ने कहा कि आईआईटी द्वारा विकसित उपकरण जिसे HOP के रूप में जाना जाता है, क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन का विश्लेषण कर सकता है.

यूपी पुलिस करेगी इस टूल का इस्तेमाल

शुक्ला ने कहा कि यह टूल किसी भी विदेशी उपकरण से सस्ता है. उन्होंने कहा कि सितंबर तक हमारा टूल यूपी पुलिस की सेवा करने और क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के मामलों में जांच में मदद करने के लिए तैयार हो जाएगा.  एडीजी साइबर क्राइम सुभाज चंद्रा ने साइबर क्राइम से निपटने के लिए साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम चलाने और पुलिस विभागों के साधन संपन्न होने पर जोर दिया, ताकि साइबर हमलों से पूरी तरह निपटा जा सके.

एक साल के भीतर की गई 9.5 करोड़ की वसूली

चंद्रा ने कहा कि हमने एक साल के भीतर 37 हजार खातों, बैंकों और कार्डों के खिलाफ कार्रवाई कर 9.5 करोड़ रुपए की वसूली की है. वहीं, एसपी साइब क्राइम त्रिवेणी सिंह ने कहा कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस एक संयुक्त कार्यक्रम चला रही है. पुलिस विभागों में जागरूकता फैलाने के लिए यह अपनी तरह की एक विशिष्ट पहल है. उन्होंने कहा कि  जबरन वसूली के मामलों में प्रचलित वीओआइपी-आधारित कॉलों की जांच के लिए बुनियादी कौशल और कार्यप्रणाली की आवश्यकता होती है. 

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