Ghazipur News: यूपी के गाजीपुर (Ghazipur) में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परिषदीय विद्यालय के जर्जर भवनों के ध्वस्तीकरण करने के लिए मूल्यांकन राशि निर्धारित करने की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी (PWD) विभाग को दी गई थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से मूल्यांकन राशि अधिक निर्धारित करने के कारण नीलामी प्रक्रिया के दौरान ढूंढे से भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं. इसकी वजह से आज तक उन जर्जर भवनों को ध्वस्त नहीं किया जा सका. लेकिन अब बेसिक शिक्षा विभाग (Department Of Basic Education) फिर से जर्जर स्कूलों का मूल्यांकन कराने की तैयारी में हैं.
 
जर्जर भवनों को फिर से होगा मूल्याकंन
बेसिक शिक्षा विभाग ने जर्जर विद्यालयों का एक बार फिर से मूल्यांकन कराने की तैयारी की है जिसमें लिए विभाग की ओर से जिलाधिकारी एमपी सिंह को भी जर्जर भवन वाले विद्यालयों की सूची भेज दी गयी है. इस जनपद में 403 बेसिक स्कूलों को जर्जर घोषित किया गया था, जिसमें अबतक 108 जर्जर भवनों को ध्वस्त व उनकी नीलामी हो गई है, जबकि 295 विद्यालयों की मूल्यांकन राशि ज्यादा होने के कारण ठेकेदार तैयार नहीं हो रहे है.
 
जर्जर स्कूलों की नई सूची तैयारइस बार जर्जर विद्यालयों की एक नवीन सूची और तैयार की गई है जिसमें कुल 344 भवन और कक्ष जर्जर शामिल किए गए हैं. जिसके आगणन के लिए गठित कमेटी के द्वारा इसके मूल्यांकन की कार्रवाई को पूरा करने के लिए जिलाधिकारी के पास फाइल भेजी गई है और उसके स्वीकृति होते ही इस पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी. विभाग की ओर से इसके लिए दो बार नीलामी की प्रक्रिया पूरी की गई लेकिन खरीदार नहीं मिले. लेकिन अब बीएसए ने इसके मूल्यांकन की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू कर दी है. 
 
फिर से शुरू होगी नीलामी प्रक्रियाबेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने बताया कि पीडब्ल्यूडी ने जर्जर स्कूलों की मूल्यांकन राशि अधिक कर दी. इससे कई बार नीलामी प्रक्रिया के बावजूद कोई भी ठेकेदार खरीदने को तैयार नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से जर्जर भवनों की ध्वस्तीकरण के लिए अलग-अलग मूल्यांकन राशि निर्धारित की गयी थी. जिससे नीलामी प्रक्रिया के दौरान कोई भी ठेकेदार तैयार नहीं हुआ. अब मूल्यांकन राशि कम करने के लिए फिर से जर्जर स्कूलों की सूची जिलाधिकारी एमपी सिंह को भेजी गयी है. 
 
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