पंजाब, जम्मू कश्मीर, राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश के भी अनेक शहर बाढ़ की चपेट में है. धर्मनगरी काशी में गंगा के जलस्तर में चौथी बार वृद्धि देखी जा रही है. वहीं अब सहायक नदी वरुणा भी उफान पर है. वाराणसी के वरुणा तटवर्ती क्षेत्र में बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा लोग प्रभावित होते हैं और इस सीजन में उन्हें इन परिस्थितियों से तीसरी बार जूझना पड़ रहा है. एबीपी न्यूज़ की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान कोनिया क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित लोगों ने अपने तकलीफ को बताया जो हैरान करने वाला है.

बच्चों को स्कूल ले जाने में दिक्कत

वरुणा तटवर्ती क्षेत्र के कोनिया घाट इलाके में एबीपी न्यूज़ की टीम पहुंची. जहां अपने बच्चों को स्कूल में परीक्षा दिलवाने नाव से ले जा रहे सुरेश कुमार ने बताया कि - 24 घंटे पहलें उनके घर में पानी पहुंच चुका है. सामान ले आने जाने के अलावा सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को स्कूल जाने में हो रही है, परीक्षा का भी वक्त है और इस सीजन में हम तीसरी बार बाढ़ की मार झेल रहे हैं. वहीं इसी क्षेत्र में घर में फंसे बुजुर्ग राजा राम ने कहा कि - 2 दिन का वक्त हो चुका है हम राहत की उम्मीद में हैं. घरों में पानी पहुंच चुका है और हमारा संपर्क बाहर से पूरी तरह टूट गया है. अगर दवा की आवश्यकता होती है तो हमें सोचना पड़ता है. आज से नाव एक बार फिर शुरू कर दिया गया है. इसके अलावा आसपास के लोग भी साइकिल से जाते दिखे जिनके कमर से ऊपर तक पानी लगा हुआ था.

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गंगा का रौद्र रूप जारी

वाराणसी में गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है. रिपोर्ट मिलने तक 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. वहीं गंगा चेतावनी बिंदु को पार करते हुए 70 मीटर के ऊपर बह रहीं हैं, जिसकी वजह से अस्सी घाट से लेकर नमो घाट तक का क्षेत्र जलमग्न नजर आ रहा है. 45 दिन से गंगा नदी में नौका संचालन बंद है. वहीं एक बार फिर लोग सीढ़ियों से ऊपर जाकर अपने दैनिक कामकाज को पूरा करने के लिए मजबूर दिखाई दे रहे हैं.