Etah News: उत्तर प्रदेश के एटा (Etah) में पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का पर्दाफाश किया है जो सरकारी जिला अस्पताल में गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Post Mortem) बनाकर निर्दोष लोगों को जेल भेजने का काम करते थे. एटा पुलिस (Etah Police) अगर समय रहते इस रैकेट का पर्दाफाश नहीं करती तो तीन निर्दोष लोगों को बेगुनाह होते हुए भी हत्या जैसे जघन्य अपराध में जेल जाना पड़ता. एटा एसएसपी के मुताबिक इससे पहले भी गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाकर निर्दोष लोगों को जेल भेजने की कोशिश के मामले सामने आ चुके हैं. 


दरअसल एटा के कोतवाली नगर क्षेत्र में दिनांक 17 मई 2022 को खेमका पेट्रोल पंप के केबिन में मिले मृतक सेल्समेन रामनरेश के शव मामले में दर्ज हत्या का अभियोग पुलिस की जांच में झूठा निकला. इस मामले मे सबसे बड़ी बात ये निकल कर सामने आई कि तीन नामजद लोगों को इस मामले मे जेल भेजने के लिए एटा जिला अस्पताल के सरकारी डॉक्टर्स ने गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाई थी. एफएसएल की लखनऊ और आगरा टीम ने इस पोस्टमॉटर्म रिपोर्ट के गलत होने का खुलासा किया, जिसके बाद पुलिस की सतर्कता के चलते तीन निर्दोष लोग जेल जाने से बच गए. 


जानें- कैसे हुआ पूरे मामले का खुलासा
दरअसल दिनांक 17 मई 2022 को थाना कोतवाली नगर एटा पर वादी संजू द्वारा सूचना दी गई कि थाना कोतवाली नगर क्षेत्र में खेमका पेट्रोल पंप पर बने केबिन में उनके भाई 46 साल के रामनरेश के गले में फंदा डालकर हत्या कर दी गई. शिकायत के आधार पर थाना कोतवाली नगर रामसेवक समेत 3 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया. जिसके बाद पुलिस ने नियमानुसार पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस मामले में एटा के जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई थी. 


जांच के दौरान जब घटना की परिस्थितियों और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का गहन परीक्षण किया गया तो पुलिस को रिपोर्ट पर शक हुआ. जिसके बाद पुलिस ने एफएसएल लखनऊ से मेडिकोलीगल एक्सपर्ट की राय मांगी और घटनास्थल का सीन रिक्रिएशन हेतु एफएसएल आगरा यूनिट की एक्सपर्ट तकनीकी सहयोग लिया. दोनों एक्सपर्ट संस्थाओं की गणना देश की महत्वपूर्ण एक्सपर्ट संस्था के रूप में होती है. इन्होंने इस मामले को आत्महत्या होना बताया.  


पुलिस ने जब इस मामले की जांच को आगे बढ़ाया तो वादी, गवाहों के बयान, घटनास्थल का निरीक्षण, शरीर व कपड़ों पर कोई प्रतिरोध का निशान नहीं पाया गया था. सीसीटीवी फुटेज चैक करने से ज्ञात हुआ कि जिस कमरे मे मृतक का शव मिला था उस कमरे में मृतक के अंदर जाने के बाद और कोई व्यक्ति अंदर नहीं गया था. जिसके बाद घटना का सीन रिक्रिएशन कराया गया तो घटना गला घोटने की न होकर आत्महत्या किया जाना पाया गया.


हत्या नहीं, आत्महत्या का निकला मामला
मृतक के गले पर रस्सी का एक ही निशान पाया गया, एफएसएल टीम को गले पर अन्य किसी प्रकार का निशान नहीं मिला. मृतक रामनरेश शराब पीने का आदी था, पता चला कि किसी मानसिक तनाव के चलते उसने आत्महत्या की थी. इस प्रकार मेडिकोलीगल संस्थान ने ये प्रमाणित किया गया कि जिला अस्पताल में तैयार की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट फर्जी थी. इस मामले में अब विभाग की आगे की कार्रवाई की जाएगी. 


डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए भेजी रिपोर्ट


एसएसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि खेमका पेट्रोल पंप पर बने एक कमरे में शख्स का शव लटकी हुई मिली थी, उसके सिर पर चोट के निशान थे. पुलिस ने घटना के सीसीटीवी फुटेज, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, आसपास के लोगों से पूछताछ और क्राइम सीन रिक्रिएशन कराया. इस मामले में नामित अभियुक्तों से पूछताछ की गई, लेकिन कोई तथ्य पुलिस को नहीं मिला, जिसके बाद पुलिस ने एफएसएल की मेडिकल टीम का सहयोग लिया. जांच में पता चला की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट जिसमें हत्या के बारे में कहा गया था वो सही नहीं हैं, ये मामला आत्महत्या का निकला. 


एटा एसएसपी ने गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट बनाने वाले सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है. 


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