Chitrakoot Monkey Problem: चित्रकूट जनपद (Chitrakoot) में बंदरों के आतंक ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. आलम ये हैं कि लोगों को बंदरों को भगाने के लिए अपने घरों के बाहर डंडे और पत्थर लेकर पहरेदारी करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. ताजा मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के ट्रैफिक चौराहे एरिया की है जहां बंदरों के दो गुटों के बीच जबरदस्त युद्ध हो गया, जिसके बाद दोनों गुट लोगों की छतों पर एक दूसरे को खदेड़ते हुए दिखाई दिए. बंदरों के गुटों में ऐसी जंग छिड़ी कि वहां से गुजर रहे लोग भी डर गए. 


आपने कई बार लोगों के दो गुटों को भिड़ते हुए देखा होगा लेकिन बंदरों के गुटों के बीच ऐसी लड़ाई शायद कम ही देखने को मिली होगी. चित्रकूट के शहर कोतवाली क्षेत्र में बंदरों के दो गुटों में ऐसा घमासान छिड़ा कि वहां से गुजर रहे लोग भी कुछ समय के लिए वहीं ठहर गए. बंदरों के ये दोनों गुट जहां पर लड़ाई कर रहे थे वहां के लोग तो ये नजारा देखकर ही भयभीत हो गए. सैंकड़ों की तादाद में ये बंदर एक दूसरे पर हमले करते हुए नजर आए. जिसके बाद वहां रहने वाले लोग अपने घरों में छुप गए. 


बंदरों के आतंक से लोगों में दहशत


बंदरों के दो गुटों की लड़ाई के दौरानउन्होंने जमकर आतंक मचाया. उन्होंने घरों और दुकानों के बाहर लगे बैनर और हॉर्डिंग्स को भी तोड़ डाला. यही नहीं उन्होंने घर के बाहर लगी टीन की शेडिंग और छप्परों को भी नहीं बख्शा और उन्होंने भी क्षतिग्रस्त कर दिया. सैंकड़ों की संख्या में बंदर इनके घरों की छतों पर टहलते हुए दिखाई दिए. यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि वो बदंरों के आतंक से बहुत परेशान है. ये बंदर उनका सामान खराब कर देते हैं. छतों पर रखी चीज़ों को क्षतिग्रस्त कर देते हैं. 


वन विभाग की ओर से दी गई ये दलील


स्थानीय लोगों ने कई बार बंदरों के आतंक को लेकर वन विभाग से शिकायत की लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस बारे में जब एबीपी गंगा की टीम ने रानीपुर टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक रजनीश दीक्षित से बात की तो उन्होंने कहा कि ये धार्मिक स्थल है, यहां सैकड़ों की तादाद में बंदर है. बंदरों को यहां भगवान के रूप में देखा जाता है. इसलिए लोग इन्हें खाना भी देते  है. खाने की तलाश में बाहर के बंदर भी शहर में आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि बदंरों के झगड़े की खबर जब भी मिलती तो अपनी प्राइवेट टीम भेजकर उन्हें भगाने की कोशिश की जाती है. 


वहीं दूसरी तरफ बंदरों के आतंक की वजह से यहां के लोग दहशत में हैं. 


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