UP News: राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण कार्य में भगवान रामलला (Ramlala) के गर्भगृह का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. मंदिर का लगभग 60 फीसदी हिस्सा पूरा हो चुका है. 2-24 जनवरी में रामलला विराजमान हो जाएंगे. मंदिर इस तरीके से बनाया जा रहा है कि रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें दोपहर 12 बजे भगवान राम की ललाट को प्रकाशित करे.
हर महीने होने वाली राम मंदिर भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक का शनिवार को पहला दिन था. बैठक में नृपेंद्र मिश्रा, वास्तुकार आशीष सोमपुरा, समिति सदस्य बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के सेवानिवृत्त डायरेक्टर जनरल के के शर्मा, सीबीआरआई रुड़की के निदेशक प्रोफेसर प्रदीप कुमार, सेवानिवृत्त निदेशक गोपालकृष्णन, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा और विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र समेत सभी ट्रस्टी मौजूद थे. इस बैठक के दौरान ही सूर्य की किरणों के मंदिर में प्रवेश से संबंधित व्यवस्था को लेकर फैसला किया.
2020 से लगातार जारी है मंदिर निर्माण का कार्य
9 नवंबर 2019 को राम मंदिर के पक्ष में फैसला आया था. 5 अगस्त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने हाथों से भूमि पूजन किया था. भूमि पूजन के बाद से ही मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. मंदिर निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दिन रात मजदूर लगा कर के मंदिर का निर्माण कार्य करवा रहे हैं. यही वजह है कि राम मंदिर निर्माण कार्य को जल्द से जल्द कैसे पूरा किया जा सके जिसके लिए हर महीने भवन निर्माण समिति की बैठक की जाती है और यह बैठक भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अध्यक्षता में की जाती है.
राम मंदिर को इस तरह बनाया जा रहा है कि भविष्य में कभी भी भूकंप आए तो राम मंदिर को किसी भी तरह का कोई भी नुकसान ना पहुंचे. इसके लिए वैज्ञानिक और विशेषज्ञों की टीम लगाई गई है.
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