उत्तर प्रदेश में एक अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होने जा रही है और इसके साथ ही शराब पीने वालों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ना तय माना जा रहा है. प्रस्तावित नीति के तहत अंग्रेजी शराब की कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है. विभागीय सूत्रों के अनुसार, लाइसेंस शुल्क में करीब 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का मसौदा तैयार कर मुख्यालय से लखनऊ भेज दिया गया है. इस प्रस्ताव को जनवरी महीने में मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

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नई नीति में इस बार भी शराब दुकानों के नवीनीकरण की प्रक्रिया अपनाई जाएगी. यानी मौजूदा लाइसेंसधारकों को राहत देते हुए टेंडर प्रक्रिया नहीं कराई जाएगी. इससे व्यापारियों को निरंतरता मिलेगी, लेकिन बढ़ी हुई लाइसेंस फीस का असर सीधे उपभोक्ताओं पर पड़ सकता है. विभाग का मानना है कि शुल्क बढ़ोतरी से राजस्व में इजाफा होगा.

पिछली नीति से अलग होगा असर

गौरतलब है कि पिछले वर्ष लागू की गई आबकारी नीति में शराब की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी. लेकिन इस बार हालात अलग हैं. लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क बढ़ाने के प्रस्ताव के चलते शराब के दाम बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है. आबकारी विभाग की बैठकों में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की गई है.

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शराब की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी

अनुमान लगाया जा रहा है कि नई नीति लागू होने के बाद अंग्रेजी शराब के क्वार्टर की कीमत में 15 से 20 रुपये तक का इजाफा हो सकता है. वहीं हाफ बोतल करीब 50 रुपये और फुल बोतल 100 रुपये तक महंगी हो सकती है. हालांकि अंतिम फैसला शासन की मंजूरी के बाद ही लिया जाएगा.

राजस्व बढ़ेगा उपभोक्ता पर असर

आबकारी विभाग का कहना है कि बढ़े हुए शुल्क से राज्य के राजस्व को मजबूती मिलेगी. वहीं आम उपभोक्ताओं के लिए यह नीति खर्च बढ़ाने वाली साबित हो सकती है. अब सभी की निगाहें जनवरी में होने वाले फैसले पर टिकी हैं.