उत्तर प्रदेश के कानपुर की अकबरपुर लोकसभा में भाजपा नेताओं के बीच टकराव का मामला सामने आया है, जिसके बाद विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लेते हुए सरकार पर जोरदार हमला बोल दिया है.
सपा चीफ अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर एक्स पर लिखा, "DCM साहब पहले अपने लोगों पर दें ध्यान, उसके बाद दें दूसरों को ज्ञान. पहले दो DCM में केवल एक डपट खानेवाले ‘डपटी सीएम’ थे अब दो हो गये हैं."
दरअसल, कानपुर की अकबरपुर लोकसभा (कानपुर देहात) में हाल ही में एक राजनीतिक विवाद सामने आया. उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने अपनी ही पार्टी के सांसद देवेंद्र सिंह भोले और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को कड़ी फटकार लगाई.
विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला
यह घटना तब हुई जब वारसी के एक कार्यकर्ता की एफआईआर दर्ज नहीं की गई, और पुलिस ने मंत्री और पूर्व सांसद के फोन तक नहीं उठाए. आधी रात को वारसी और प्रतिभा शुक्ला थाने पहुंचे, जहां उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. वहीं इस मामले को लेकर विपक्ष ने भी सरकार पर हमला बोला है.
क्यों धरना दे रहीं थी राज्यमंत्री?
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने अकबरपुर कोतवाली पुलिस पर आरोप लगाया था कि पुलिस फर्जी केस लिख रही है और बदतमीजी कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ता फर्जी केस लगाया और उनके साथ बदतमीजी की.
जब डिप्टी सीएम ने काट दिया फोन
पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी एक वीडियो में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से बातचीत करते हुए दिख रहे.वीडियो में पूर्व सांसद अनिल वारसी डिप्टी सीएम को भी निशाने पर लेते हुए कहते हैं कि आप लोग सुरक्षा नहीं कर सकते. आपको उपमुख्यमंत्री ब्राह्मणों की रक्षा करने के लिए बनाया गया है. इसके डिप्टी सीएम ने आधी बात सुनते ही फोन काट दिया.
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