बागपत: कृषि कानून को लेकर प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि, किसानों में कृषि कानून को लेकर कोई विरोध नहीं है. कुछ लोग किसान के नाम पर इसका विरोध कर रहे हैं, जबकि किसान तो घर में बैठा हुआ है. अगर सरकार ने विकास कार्य नहीं किया है, कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है, तो जल्द ही प्रदेश में चुनाव है, जनता फैसला करेगी. किसान नेता राकेश टिकैत ने मंत्री के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि, जरा मंत्री साहब हमें भी वो लिस्ट दे दें, जिन किसानों को कृषि कानून अच्छा लग रहा है. जरा, भूपेंद्र जी यह बताएं कि, क्या उनके परिवार को गन्ने का बकाया मूल्य भुगतान हो गया या फिर सरकार में शामिल होने की वजह से वह कुछ कह नहीं पा रहे हैं. 


आपको बता दें कि, 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. जहां कृषि कानून को लेकर भारतीय किसान यूनियन सरकार और BJP नेताओं को घेर रही है तो सरएकार और बीजेपी नेताओं ने भी बूथ स्तर पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. सरकार के मंत्री कार्यकर्ताओं से बात कर उन्हें कृषि कानून और सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने का आह्वान कर रहे हैं, तो किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि, कृषि कानून का विरोध प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हैं. 


बूथ को कर रहे हैं मजबूत


प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि, वह बूथ स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं की नियुक्त कर रहे हैं और बूथ मजबूत अभियान के तहत 15 दिन में सभी बूथों पर कार्यकर्त्ताओ के सत्यापन और उनके कार्य की जिम्मेदारी सौंप दी जायेगी. उन्होंने कहा कि, कृषि कानून किसानों के हित में होने के साथ ऑप्शनल है, जिसकी इच्छा हो उसका उपयोग करे जिसकी इच्छा नहीं है वो उसका उपयोग न करे, फिर दिक्कत किस बात की है. 


लेकिन कुछ लोग अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों को आगे करके आंदोलन कर रहे हैं. उससे कुछ होने वाला नहीं है, क्योंकि किसान जागरूक है. किसान अपने घरों में है और कुछ महीने बाद प्रदेश में चुनाव है. अगर सरकार ने काम नहीं किया है, अगर सरकार किसानों के हित में नहीं है अब सब कुछ उनके हाथ में है वह जो चाहे वह निर्णय लें. 


उमेश मलिक पर हमले की आलोचना की


साथ ही प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बीजेपी विधायक उमेश मालिक पर हुए हमले को लेकर कहा कि, विरोध करने का अधिकार लोकतंत्र में सभी को है, लेकिन विरोध लोकतांत्रिक ढंग से हो किसी की गाड़ी में तोड़फोड़ करना किसी पर कालिख फेंकना यह लोकतंत्र के हित में नहीं है.


राकेश टिकैत ने बीजेपी पर किया हमला


हालांकि, प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी के बयानों को लेकर एबीपी गंगा ने किसान नेता राकेश टिकैत से बात की और उनका पक्ष जानने की कोशिश की राकेश टिकैत ने बातचीत के दौरान तंज कसते हुए कहा कि मंत्री जी जरा हमें भी वो लिस्ट सौंप दें जिन किसानों को कृषि कानून अच्छा लग रहा है. साथ ही कहा ये आंदोलन पश्चिमी उत्तर प्रदेश या उत्तर प्रदेश का नहीं है बल्कि पूरे देश के किसानों का है और पूरे देश के किसान कृषि कानून के विरोध में है.


बीजेपी की सभा में मनरेगा के मजदूर


यही नहीं, राकेश टिकैत ने कहा कि, बीजेपी की सभा में भीड़ बढ़ाने के लिए मनरेगा के मजदूर बुलाए जाते हैं. उनकी सभा में अधिकांश मजदूर नजर आते हैं.


लेकिन अब किसान अपनी आय दोगुनी होने के इंतजार में बैठा हुआ है और हम अब उन किसानों और आम लोगों से गुजारिश करते हैं कि, वह बीजेपी नेताओं से लिखित में लें कि, आखिरकार वह जो बयान दे रहे हैं उसमें कितनी सच्चाई है. 


हालांकि, अब 2022 के चुनाव में किसानों का क्या रुख होगा, यह कह पाना अभी बेहद मुश्किल होगा. लेकिन जिस तरह से बीजेपी और प्रदेश सरकार अब किसानों के पास जाकर उन्हें सरकार की उपलब्धियां और किसी कानून के बारे में बताने का प्रयास कर रही है उससे कहीं ना कहीं किसान अपनी बातों को सरकार के सामने रख सकेंगे.


 ये भी पढ़ें.


हॉकी के होनहारों के स्वागत में रेलवे ने बिछाए पलक-पांवड़े, ओलंपियन गुरजीत और निशा वारसी अपने अभिनंदन से हुईं अभिभूत