Ramcharitmanas Controversy: समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya ) के रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए विवादित बयान पर यूपी की राजनीति तेज हो गई है. सपा नेता के इस बयान पर अब महान दल (Mahan Dal) के अध्यक्ष केशव देव मौर्य (Keshav Dev Maurya) की भी प्रतिक्रिया आई है. केशव देव मौर्य ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऐसे समय पर यह बात उठाई है जब 2024 के लोकसभा चुनाव करीब हैं. इससे अधिकांश हिंदू समाज नाराज होगा और इसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को भुगतना पड़ेगा.


महान दल अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने कहा कि मैंने तो पहले ही अखिलेश यादव से कहा था कि स्वामी प्रसाद मौर्या बीजेपी के भेजे हुए एजेंट हैं. वहीं सूत्रों की मानें तो सपा मुखिया अखिलेश यादव भी स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दिए गए इस विवादित बयान से नाराज हैं. अखिलेश यादव से इस मामले पर सपा के कई सवर्ण विधायकों ने भी बात की है. सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने तो ये भी कह दिया है कि वह समाजवादी है ही नहीं.


बता दें कि सपा नेता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की है कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के आपत्तिजनक हिस्सों जिनसे जाति वर्ग और वर्ण के आधार पर समाज के एक हिस्से का अपमान होता है उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए. सपा नेता से पहले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में रामचरितमानस को समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था.  उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ था.


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