UP Madarsa News: उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे को लेकर मचे राजनीतिक घमासान के बीच अल्पसंख्यक कल्याण और वक्फ अनुभाग तीन ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को एक चिट्ठी भेजी है. इस चिट्ठी में उन सवालों का भी जिक्र किया गया है जो इस सर्वे में पूछे जाएंगे.
यूपी सरकार के उप सचिव शकील अहमद सिद्दीकी द्वारा भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि 5 अक्टूबर तक यह सर्वे पूरा कर लिया जाए और 10 अक्टूबर तक इसका डाटा अपर जिलाधिकारी के जरिए जिलाधिकारी को भेजा जाएगा. वहीं जिलाधिकारी यह डाटा 25 अक्टूबर तक सरकार को भेजेंगे.
चिट्ठी में कहा गया है कि सर्वे करने वाली टीम में तहसील के उपजिलाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी होंगे.
आइए हम आपको बताते हैं कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे में क्या क्या सवाल किए जाएंगे
1- मदरसे का नाम, पता और मोबाइल नंबर2-मदरसे का संचालन करने वाली संस्था का नाम3-स्थापना वर्ष4-मदरसे की अवस्थिति का संपूर्ण विवरण (निजी या किराए का भवन)5- क्या मदरसे का भवन छात्र/ छात्राओं के लिए उपयुक्त है (सुरक्षित भवन, पेयजल, फर्नीचर, बिजली, शौचालय इत्यादि)6- मदरसे में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या7-मदरसे में शिक्षकों की संख्या8-मदरसे में लागू पाठ्यमक्रम9- मदरसे की आय का स्रोत10- क्या इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र किसी अन्य विद्यालय में भी जाते हैं?11-क्या किसी सरकारी या गैर सरकारी समूह, संस्था से मदरसा जुड़ा हुआ है? अगर हां तो उसकी जानकारी
AIMPLB ने उठाए सवालउत्तर प्रदेश सरकार ने 31 अगस्त को कहा था कि वह राज्य की गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराएगी. सरकार ने कहा था कि शिक्षकों, पाठ्यक्रम, एनजीओ के साथ उनके संबंध और मौलिक सुविधाओं की मौजूदगी सहित अन्य चीजों पर सूचना इकट्ठा करेगी.
हालांकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने राज्य में गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं. एआईएमपीएलबी ने इसे बीजेपी शासित राज्यों द्वारा संस्थानों को निशाना बनाने का हिस्सा बताया है.