उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारी तेज हो गई है. इस बीच मतदाता सूची में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. राज्य निर्वाचन आयोग को जानकारी मिली है कि सूची में बड़ी संख्या में फर्जी नाम दर्ज हो सकते हैं. ऐसे में आयोग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि संदिग्ध नामों का सत्यापन किया जाए.

जानकारी के मुताबिक, मतदाता सूची में ऐसे कई नाम दर्ज हैं जो एक ही पते, उम्र, लिंग या पहचान के आधार पर बार-बार शामिल किए गए हैं. कई लोगों के नाम और पते मेल नहीं खाते, जिससे गड़बड़ी की आशंका बढ़ गई है. इसका सत्यापन बीएलओ घर-घर जाकर करेंगे. वहीं इसमें एआई तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा.

अधिकारियों की टीम घर-घर जाकर करेगी जांच

आयोग का कहना है कि गलत नामों को सूची से हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. सत्यापन प्रक्रिया के लिए स्थानीय अधिकारियों की टीम घर-घर जाकर जांच करेगी. संदिग्ध नामों और पतों का मिलान आधार, राशन कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेजों से किया जाएगा.

 इसके लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम और एआई टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जाएगा. निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि जो भी नाम संदिग्ध पाए जाएंगे, उन्हें सूची से हटा दिया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया के बाद जनवरी में अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी. इसके बाद ही चुनाव कार्यक्रम का ऐलान होगा.

अधिकारियों का क्या कहना है?

पंचायत चुनावों को लेकर निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि यह कदम चुनाव को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए उठाया जा रहा है. आयोग ने जनता से भी अपील की है कि अगर उन्हें किसी तरह की गड़बड़ी की जानकारी है तो स्थानीय प्रशासन को सूचित करें. वहीं उन्होंने बताया कि चेहरे की पहचान और एआई तकनीक के भरपूर प्रयोग किया जाएगा. मतदाता सूची के सत्यापन के बाद ही चुनावों की घोषणा की जाएगी. 

गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में हर बार मतदाता सूची को लेकर विवाद होता रहा है. फर्जी वोटरों के चलते कई बार चुनाव परिणामों पर सवाल उठते हैं. इसलिए इस बार निर्वाचन आयोग ने विशेष सतर्कता बरतने का फैसला किया है. इसके साथ ही मतदाता सूची का सत्यापन बीएलओ घर-घर जाकर करेंगें.