उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ और ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ ने राज्य भर के परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों का कायाकल्प करके उन्हें नई पहचान दी है. एक आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गई.  

वर्ष 2018 में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ का उद्देश्य परिषदीय विद्यालयों को आधुनिक, सुरक्षित और पूरी तरह से सुसज्जित बनाना है. इस अभियान के तहत, स्कूलों में 97 प्रतिशत बुनियादी सुविधाओं का विकास किया गया है.

बयान में कहा गया है कि पहले कई स्कूलों में शौचालय, पानी, बिजली और फर्नीचर की कमी थी, लेकिन अब उन्हें फाटक वाली चहारदीवारी, टाइल वाले शौचालय, रंग-बिरंगे परिसर और सौर प्रकाश व्यवस्था वाले आधुनिक संस्थानों में बदल दिया गया है.

नीति आयोग ने ‘ऑपरेशन कायाकल्प' को दी मान्यता

नीति आयोग ने ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ को पूरे देश के लिए एक आदर्श पहल के रूप में मान्यता दी है. इसी प्रकार, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रोजेक्ट अलंकार शुरू किया, जिसके तहत 27 मानकों के आधार पर 2,295 स्कूलों का मानचित्रण किया गया ताकि उनके बुनियादी ढांचे में सुधार हो सके.

सरकारी बयान में कहा गया है कि माध्यमिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए इन स्कूलों को स्मार्ट कक्षाओं, कंप्यूटर लैब, वाई-फाई, प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और आधुनिक फर्नीचर से सुसज्जित किया गया है. 

खेल क्षेत्र में छात्रों को मिल रहा लाभ

शिक्षा के अलावा, छात्रों को खेल के मैदान, ओपन जिम, बहुउद्देशीय हॉल, कला एवं शिल्प कक्षों और व्यावसायिक प्रशिक्षण सुविधाओं का भी लाभ मिलता है.  इसमें कहा गया है कि प्रधानाचार्यों और कर्मचारियों के लिए कक्ष, चहारदीवारी, कार्यालय स्थल, साइकिल स्टैंड और पेयजल सुविधाओं के साथ बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाया गया है. 

आग से सुरक्षा करने वाले उपकरण लगे

इसमें कहा गया है कि आग से सुरक्षा करने वाले उपकरण, सीसीटीवी के जरिये निगरानी, बायोमेट्रिक के जरिये हाजिरी, वर्षा जल संचयन और सौर पैनल लगाकर सुरक्षा और स्थायित्व को प्राथमिकता दी गई है. 

सरकारी स्कूलों को मिली नई पहचान

बयान में कहा गया है कि ऑपरेशन कायाकल्प और प्रोजेक्ट अलंकार ने मिलकर उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों को एक नई पहचान दी है और उन्हें आधुनिक, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार संस्थानों में बदल दिया है.

 बयान में कहा गया है कि गांव के स्कूल ग्रामसभा के जीवंत और पूरी तरह सुसज्जित केंद्र बन गए हैं. आधुनिक सुविधाओं, सुरक्षित परिसरों और सौहार्दपूर्ण वातावरण से युक्त इन स्कूलों में अभिभावकों का विश्वास कई गुना बढ़ गया है.