उत्तर प्रदेश में लेखपाल भर्ती की अधिसूचना जारी होने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरक्षण के नियमों का पालन न होने के आरोप लगाए हैं. यूपी के पूर्व सीएम ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी की यूपी इकाई के अध्यक्ष पंकज चौधरी से अपील की है कि वह ओबीसी आरक्षण की हकमारी से बचाएं.
कन्नौज सांसद ने लिखा कि भाजपा OBC के लिए संविधान द्वारा निश्चित 27% आरक्षण में से 1/3 आरक्षण को नकारकर अपना असली ‘संविधान-आरक्षण विरोधी’ चेहरा दिखा रही है. अब नये नवेले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जी सामने आएं और ओबीसी आरक्षण की हक़मारी से बचाएं.
सपा चीफ ने लिखा कि विवरण: उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग लेखपाल भर्ती- कुल पद हैं - 7994 OBC के लिए सिर्फ 1441 पद आरक्षित हैं.
कन्नौज सांसद ने दावा किया कि 27 % ओबीसी आरक्षण के हिसाब से कुल 2158 पद OBC के लिए आरक्षित होने चाहिए. ओबीसी के 717 लेखपाल के पद की भर्ती होने से पहले लूट हो रही है. सपा चीफ ने लिखा कि EWS को 10 परसेंट के हिसाब से पूरी 792 पोस्ट दी गयी हैं.
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अखिलेश ने आरोप लगाया कि इस भर्ती मे 717 ओबीसी पदों की लूट हो रही है.
लेखपाल भर्ती के आरक्षण में क्या है?
पदों के विवरण के संदर्भ और आरक्षण के बारे में अधिसूचना में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश शासन कार्मिक अनुभाग-3 के शासनादेश संख्या-1/2020/1602/47-का-3-2019-13/7/2006, दिनांक 28-01-2020 के अनुपालन में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को प्रेषित / उपलब्ध कराये जाने वाले अधियाचनों में रिक्तियों की गणना एवं आरक्षण की पूर्ति की जिम्मेदारी पूर्णतः सम्बन्धित अधियाचनकर्ता विभाग की है. इस विज्ञापन में कुल विज्ञापित पदों व उनके सापेक्ष लम्बवत व क्षैतिज आरक्षण के अंतर्गत पद की संख्या व विभिन्न श्रेणियों/ उपश्रेणियों का उल्लेख सम्बन्धित विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए अधियाचन में दिए गए विवरण के अनुसार ही किया गया है.
कहा गया कि उत्तर प्रदेश शासन के क्षैतिज व लम्बवत आरक्षण सम्बन्धी नवीनतम अधिनियमों/अध्यादेशों / नियमों / शासनादेशों में निर्धारित नीति / निर्देशों के अनुरूप अनारक्षित/आरक्षित रिक्तियों की संख्या में संशोधन / परिवर्तन हो सकता है तथा विज्ञापित रिक्तियों की कुल संख्या व श्रेणीवार संख्या घट/बढ़ सकती है.