यूपी के कुशीनगर की तमकुहीराज तहसील क्षेत्र के महुअवा बुजुर्ग में प्रशासन ने उच्च न्यायालय के आदेश पर ग्राम सभा की सार्वजनिक भूमि से अतिक्रमण हटाया है. आज 44 ग्रामीणों के मकान करीब 5 थानों के पुलिस बल की मौजूदगी में ध्वस्त किए गए.
इस दौरान एसडीएम एवं तहसील प्रशासन के लोग मौजूद थे. आज प्रशासन ने दर्जनों मकानों को जमींदोज किया है. उपजिलाधिकारी आकांक्षा मिश्रा की अगुआई में हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराया गया. गांव में कई थानों की फोर्स भी मौजूद रही.
चार साल पहले कोर्ट में डाली थी याचिका
कुशीनगर के तमकुहिराज तहसील के महुअवा बुजुर्ग निवासी अहमद अंसारी द्वारा चार वर्ष पूर्व उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए अपने गांव के 74 ग्रामीणों पर ग्राम पंचायत की सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण का आरोप लगाया था.
संबंधित मामले में फरवरी 2024 में उच्च न्यायालय ने स्थानीय प्रशासन को आदेश देते सभी 74 ग्रामीणों को ग्रामसभा की सार्वजनिक भूमि से बेदखल करने का आदेश दिया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होता देख वादी अहमद अंसारी पुनः न्यायालय पहुंचकर अतिक्रमित भूमि पर कोई कार्यवाही नहीं होने की सूचना दी.
जिस पर 22 अगस्त 2025 को न्यायालय द्वारा उक्त आदेश का सख्ती से पालन कराते हुए जिलाधिकारी को दो सितंबर तक स्वयं आख्या सहित न्यायालय में उपस्थित होने को आदेश दिया. जिसके क्रम में जिलाधिकारी द्वारा तहसील प्रशासन को अतिक्रमणकारियों के घर पर नोटिस चस्पा कर 28 अगस्त तक भूमि को खाली करने का निर्देश दिया गया.
अधिकारियों ने कराई कार्रवाई
इसी क्रम में शुक्रवार को प्रातः 10 बजे से ही एसडीएम आकांक्षा मिश्रा व नायब तहसीलदार कुंदन वर्मा गांव पहुंच अतिक्रमण की कार्रवाई शुरू किए. इसी बीच ग्राम वासी मीरा सहित 10 गृहस्वामियों ने मामला कोर्ट में लंबित होने का कागजात एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत किया. वहीं 20 भूमिहीन गृहस्वामियों को अतिशीघ्र अपनी उचित व्यवस्था करते हुए अवैध अतिक्रमण हटा लेने के निर्देश दिए.
इस बेदखली के दौरान जब प्रशासन का बुलडोजर गांव में पहुंचा तो अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया. तुर्कपट्टी मुख्य चौराहे से लेकर गांव के हर मोड़ पर पुलिस तैनात रही. क्षेत्राधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में रामकोला, नेबुआ नौरंगिया, जटहाँ, कुबेरस्थान, तुर्कपट्टी सहित कई थानों की पुलिस ने मौके पर शांति बनाए रखने में जुटी रही.
पीड़ित ने लगाए आरोप
पीड़ित कुसुम देवी का आरोप है कि उनका सिर्फ एक फिट जमीन ही ग्रामसभा की सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा है जिसपर भवन बना हुआ था लेकिन प्रशासन ने 8 फिट जबरन तोड़वा दिया है.
हाइकोर्ट के आदेश पर ग्रामसभा की जमीन की खाली कराया जा रहा है. हालात बिगड़ न जाएं, इसके लिए एसडीएम समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर तैनात रही. फिलहाल, प्रशासन की इस कार्रवाई से गाँव में हड़कंप मच गया है.