कानपुर देहात भारतीय जनता पार्टी इन दिनों भीतरी खींचतान से जूझ रही है. जिले की सियासत में सांसद देवेंद्र सिंह भोले और प्रदेश सरकार की राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के बीच ठनी हुई जंग अब नए मोड़ पर है. मामला सांसद बनाम विधायक का तो है ही, लेकिन रणनीति ऐसी बनाई गई कि इसे 'ब्राह्मण बनाम ब्राह्मण” की सियासी चाल में बदल दिया गया.
दरअसल, एक निजी होटल में बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने प्रेस वार्ता कर जमकर हमला बोला. अगुवाई कर रहे निर्वातमान जिला अध्यक्ष मनोज शुक्ला ने सीधे-सीधे आरोप जड़ा कि 'आज बीजेपी के मौजूदा चारों विधायक भ्रष्ट हैं. इनमें कोई पुराना भाजपाई नहीं. कोई बसपा से आया, कोई सपा से तो कोई कांग्रेस से. ये लोग चलती रेलगाड़ी में सवार होकर अपना अवसर तलासते है.
पूर्व जिला अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता में लगाए ये आरोप
इस प्रेस वार्ता में पूर्व जिला अध्यक्ष और वे ब्राह्मण चेहरे भी मौजूद रहे जिन्होंने जिले में बीजेपी की नींव रखने में भूमिका निभाई थी. उनका आरोप था कि राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला और उनके पति पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी न सिर्फ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का अपमान कर रहे हैं, बल्कि जातीय नारेबाज़ी से माहौल बिगाड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं.
यह बात सभी जानते हैं कि इस प्रेस वार्ता के पीछे का चेहरा कोई और नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद देवेंद्र सिंह भोले हैं और जो यह भीड़ प्रेस वार्ता में जुटी है जो भी बीजेपी के वरिष्ठ कार्यकर्ता रहे यह सब सांसद के खेमे के लोग हैं. सांसद ने ऐसी राजनीतिक चाल चली कि ब्राह्मण के सामने ब्राह्मणों को ही खड़ा कर दिया.
विधायक प्रतिभा शुक्ला ने पति क्या कहा?
इस मामले पर बातचीत करते हुए कानपुर देहात के पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी और राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति ने कहा मैं पूर्व जिला अध्यक्ष को मानहानि का नोटिस दूंगा उनका जवाब आने के बाद कोर्ट में मुकदमा लडूंगा यह सभी लोग सांसद देवेंद्र सिंह भोले के आदमी हैं.
उन्होंने कहा इन लोगों ने मिलकर फर्जी कागज तैयार करके हम लोगों को मीडिया में बदनाम करने का प्रयास किया है. इस बीच उन्होंने बताया मनोज शुक्ला पूर्व जिलाध्यक्ष और राजेश तिवारी ने सिर्फ हमारे ऊपर चार्ज नहीं लगाया बल्कि कानपुर देहात के चारों विधायकों गलत बताया और राकेश प्रत्यान जी के ऊपर भी लगाया जिसमें कहा था कि वहां जमीन पर टैक्सटाइल का काम होना था वहां एक आदमी सरकारी पार्क बना रहा है उसके ऊपर भी चार्ज लगा रहे हैं.
अवैध खनन के सवाल पर विधायक प्रतिभा शुक्ला के पति
इन सभी कारणों की वजह से इनको हटाया गया है जिसकी वजह से यह लोग ये सब काम कर रहे हैं. खनन को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा है कि जहां पर खनन की बात है उस पर मैं और मेरी पत्नी खनन के खिलाफ हैं.
इस मामले पर उन्होंने कहा कि हमने डीएम को भी चिट्ठी लिखी थी कि किसी भी तरह के वैध खनन के लिए अनुज्ञा पत्र जारी न करें क्योंकि वैध खनन की आड़ में ही अवैध खनन होता है.
अवैध खनन को लेकर की थी शिकायत
वहीं अवैध खनन को लेकर उन्होंने कहा है कि मैंने डीएम से अवैध खनन को लेकर शिकायत की थी. जिसमें नगर पंचायत अकबरपुर मिर्जा तालाब में अवैध खनन कर रहा है जिस पर डीएम ने एक कमेटी का गठन करने के बाद अकबरपुर तहसीलदार और खनन अधिकारी को वहां पर भेजा. इन दोनों ने खनन को लेकर रिपोर्ट बनाई और डीएम को सौंप दी.
इस रिपोर्ट में लिखा है कि चार हजार चार सौ सत्रह मीटर मिट्टी का अवैध खनन हुआ है जो कि मिर्जा तालाब मध्य विभाग का है. जिसपर मध्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि मैंने कोई परमिशन नहीं दी थी. वहीं उन्होंने कहा है कि इस रिपोर्ट में तहसीलदार और खनन अधिकारी कह रहे हैं कि यह अवैध खनन नगर पंचायत अकबरपुर द्वारा किया गया है.
विधायक के पति ने वर्तमान सासंद से की ये अपील
विधायक प्रतिभा शुक्ला के पति ने वर्तमान सासंद से अपील करते हुए कहा है कि मैं सासंद से कहना चाहता हूं कि वो न्याय की बात करें और चेयरमैन और डीओ के खिलाफ इस अवैध खनन का मुकदमा दर्ज कराए. वहीं उन्होंने कहा कि इन लोगों से 40 लाख रुपये की रिकवरी भी की जाए.
मीडिया के माध्यम से उन्होंने डीएम से कहा है कि यह रिपोर्ट उनके ऑफिस में है जो पिछले डीएम ने छुपा रखी थी उसको सामने लाया जाए और चेयरमैन से 40 लाख रुपये की रिकवरी की जाए वहीं उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया जाए.