Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) के बाद कोर्ट ने कानपुर (Kanpur) के आर्यनगर सीट (Aryanagar Assembly Seat) से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई (SP MLA Amitabh Bajpai) को एक साल की सजा सुनाई है. साथ ही अपील के लिए 20-20 हजार रुपये के दो बंधपत्रों के साथ जमानत भी मंजूर करते हुए रिहा किया है. कानपुर में वाणिज्यकर के असिस्टेंट कमिश्नर से मारपीट और बलवा के मामले में आरोपी सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने दोषी करार दिया है. 


11 साल पुराने मुकदमे में सजा पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने एक साल कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है. अमिताभ की ओर से अधिवक्ता ने अपील के लिए समय मांगा, जिस पर कोर्ट ने जुमार्ना जमा करने और जमानतें दाखिल करने पर विधायक को अपील तक के लिए रिहा कर दिया. कोर्ट ने सपा विधायक को केवल एक साल की सजा सुनाई है, इस वजह से बताया जा रहा है कि उनकी सदस्यता नहीं जाएगी. दरअसल, नियमों के अनुसार जिस विधायक या सांसद को दो साल से कम की सजा होती है उसकी सदस्यता रद्द नहीं होती है.


क्या था पूरा मामला
असिस्टेंट कमिश्नर दिनेश पाल ने अक्टूबर 2011 को बिठूर थाने में सपा विधायक अमिताभ बाजपेई और 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसमें कहा था कि एक अक्टूबर को मंधना के पास जीटी रोड पर चेकिंग के दौरान एक पिकअप गाड़ी को रोककर कागज मांगे गए, तो चालक ने फोन कर अमिताभ बाजपेई को बुला लिया. अमिताभ ने साथियों संग टीम को घेर लिया. बिलों को फाड़कर धमकी दी.


अमिताभ के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने, गाली गलौज, मारपीट और बलवा आदि की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस ने जांच के बाद सिर्फ अमिताभ बाजपेई के खिलाफ ही चार्जशीट कोर्ट भेज दी थी. 11 साल से मुकदमे की सुनवाई चल रही थी.


अमिताभ की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में गवाहों के माध्यम से अभियोजन की कहानी को झूठा साबित करने की कोशिश की थी. एडीजीसी भास्कर मिश्रा ने बताया की अभियोजन की ओर से पेश किए गए सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने अमिताभ पर लगे आरोपों को सही पाया और उन्हें दोषी करार दिया है.


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