उत्तर प्रदेश में आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा ने होम्योपैथी विभाग के निदेशक प्रो. अरविन्द कुमार वर्मा को निलंबित कर दिया है. निदेशक पर आरोप है कि उन्होंने ट्रांसफर पोस्टिंग में अनियमितता की. आयुष अनुभाग-2 के प्रमुख सचिव रंजन कुमार द्वारा हस्ताक्षरित आदेश के जरिए होम्योपैथी निदेशक के निलंबन की जानकारी दी गई है.
पत्र में लिखा गया है- महानिदेशक, आयुष, उ.प्र. के पत्र सं0-85/डी.जी.ए./कैम्प/2025-26, दिनांक 29.05.2025 के माध्यम से प्रो. अरविन्द कुमार वर्मा, निदेशक होम्योपैथी के विरुद्ध प्रेषित प्राथमिक जांच आख्या एवं स्थानांतरण सहित पदीय दायित्वों के निर्वहन में संदिग्ध भूमिका, कर्तव्यनिष्ठा का अभाव एवं भ्रामक तथ्यों को प्रस्तुत कर दिग्भ्रमित करने की प्रवृत्ति तथा शिथिल एवं सवेदनहीन कार्यशैली के दृष्टिगत प्रो. अरविन्द कुमार वर्मा, निदेशक, होम्योपैथी को तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित करते हुए उनके विरुद्ध उ.प्र. सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम-7 में विहित प्रावधानों के अन्तर्गत विभागीय/अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित करते हुए उन्हें राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, गाजीपुर से सम्बद्ध किया जाता है.
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प्रो. वर्मा को कितनी सैलरी मिलेगी?पत्र के अनुसार प्रो. वर्मा की सैलरी में कटौती होगी. पत्र में लिखा गया है कि निलम्बन की अवधि में प्रो. अरविन्द कुमार वर्मा को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2, भाग-2 से 4 मूल नियम-53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्द्धवेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बाराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की राशि पर मंहगाई भत्ता यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है, भी अनुमन्य होगा, किन्तु ऐसे अधिकारी को जीवन निर्वाह भते के साथ कोई मंहगाई भत्ता देय नहीं होगा, जिन्हें निलम्बन से पूर्व से प्राप्त वेतन के साथ मंहगाई भत्ता अथवा मंहगाई भत्ता का उपान्तिक समायोजन प्राप्त नहीं था. निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भत्ते भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होगें, जब इसका समाधान हो जाये कि उनके द्वारा इस मद में वास्तव में व्यय किया जा रहा है, जिसके लिये उक्त प्रतिकर भत्ते अनुमन्य है.
बता दें इससे पहले रजिस्ट्री विभाग में भी ऐसा ही मामला सामने आया था और कई ट्रांसफर पोस्टिंग्स को रोक दिया गया था. उस वक्त भी विभाग के महनिदेशक पर कार्रवाई की गाज गिरी थी.