उत्तर प्रदेश सरकार ने बोर्ड परीक्षा प्रतियोगी परीक्षा में दबाव महसूस करने वाले या मानसिक रूप से अतिरिक्त दबाव में आ जाने वाले छात्र-छात्राओं को अपने मन की बात काउंसलर को बताने के लिए एक नंबर जारी किया है. इस नंबर पर कोई भी छात्र-छात्रा या उनके अभिभावक समस्या को मानसिक चिकित्सा और काउंसलर को बढ़ाकर समाधान ले सकता है. नेशनल ब्यूरो क्राइम रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में 7.8% बच्चों ने पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता असफलता के दबाव में आकर आत्महत्या जैसा खौफनाक कदम उठाया.
पढ़ाई और के दबाव के चलते छात्र छात्राओं द्वारा उठाए जा रहे आत्मघाती कदम को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों की आत्महत्या में पूरे सिस्टम को जिम्मेदार मानते हुए एक आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई 2025 को आदेश दिया था. उस आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जिलेवार शासनादेश जारी कर जमीनी तौर पर लागू करने के आदेश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन होगा
फिरोजाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक धीरज कुमार के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने सुखदेव शाह बनाम आंध्र प्रदेश राज्य सरकार की याचिका पर जो फैसला सुनाया है. उसके अनुसार अब शासन द्वारा कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं जिनका पालन कराया जाएगा.
शासनादेश के मुताबिक जिलाधिकारी की निगरानी में एक समिति गठित की जाएगी और इस 10 सदस्य समिति द्वारा मानसिक स्वास्थ्य नीति के तहत पढ़ाई के दबाव में आत्महत्या जैसे कदम छात्र-छात्राएं ना उठाएं इसको लेकर संस्थानों में एक काउंसलर की तैनाती, भेदभाव से रहित स्वस्थ शैक्षणिक माहौल तैयार कराया जाएग.
छात्रों के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी
आदेश के तहत राज्य सरकार द्वारा बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्र-छात्राओं को अगर किसी प्रकार का कोई मानसिक तनाव या दबाव महसूस हो रहा है और वह अपने किसी परिजन या किसी अन्य के साथ इस बात को साझा नहीं कर पा रहे हैं. इसको लेकर राज्य सरकार द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.
टेली मानस के तहत जारी किए गए नंबर 14416 और 180089144160 पर कोई भी परेशान बच्चा या उसका अभिभावक यदि कॉल करता है, तो उसे उचित सलाह देते हुए मानसिक तनाव को कम करने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही समस्या गंभीर होने पर नजदीकी स्तर पर काउंसलर की व्यवस्था कर बच्चे को मानसिक दबाव से बाहर निकलने का प्रयास किया जाएगा.
संस्थानों को मानकों के अनुरूप ढलना होगा
शासनादेश के मुताबिक कोचिंग संस्थानों को और छात्रावास संचालित करने वाले किसी भी सरकारी और गैर सरकारी संस्थान को मानकों के अनुरूप तैयार करना होगा. इसमें शिक्षकों का प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण, छात्र शिकायत निवारण तंत्र, माता-पिता एवं संरक्षक संवेदनशीलता, वार्षिक रिपोर्ट एवं डाटा प्रबंधन, पाठयक्रम गतिविधियां छात्र आवास सुरक्षा जिला स्तरीय समिति का सहयोग जैसे 11 बिंदुओं के तहत संस्थाओं को अपग्रेड करना होगा.
जिला विद्यालय निरीक्षक धीरज कुमार ने बताया कि जिले भर में लगभग 35 कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. इसके अलावा बेसिक शिक्षा परिषद के तीन आवासीय विद्यालय एक जवाहर नवोदय विद्यालय और तीन पिछड़ा कल्याण के छात्रावास संचालित हैं, जिन्हें मानकों के अनुरूप अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.