कानपुर. योगी आदित्यनाथ सरकार ने 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़े गए तीन व्यक्तियों के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के प्रावधानों के तहत सजा देने का फैसला किया है. सरकारी प्रवक्ता ने कहा, "राज्य सरकार ने पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है जो कोविड-19 दवाओं की कालाबाजारी करते हैं."


पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने कहा कि संकट के इस समय में कोई भी गैरकानूनी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सख्त से सख्त सजा दी जाएगी. उन्होंने कहा, "यह मानवता के खिलाफ एक अपराध है और हम गुरुवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किए गए तीन लोगों के खिलाफ एनएसए लगाकर कार्रवाई करेंगे."


उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार अपने लोगों को रेमडेसिविर दवाएं और अन्य कोविड से संबंधित दवाओं की उपलब्धता की सुविधा को आसान बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. इस बीच एसटीएफ के सूत्रों ने कहा कि वे कोविड से जुड़ी दवाओं की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने का प्रयास कर रहे हैं. हरियाणा के निवासी सचिन कुमार की सूचना के मुताबिक 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन शीशियों को हरियाणा से स्थानीय दवा डीलरों द्वारा सप्लाई किया गया था.


पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हम स्थानीय फार्मा डिस्ट्रीब्यूटर्स पर निगरानी रख रहे हैं. हमें यह भी पता चला है कि इंजेक्शन कानपुर निवासी मोहन सोनी को पश्चिम बंगाल की अपूर्वा मुखर्जी द्वारा भेजा गया था, जो एक फार्मा कंपनी से जुड़ी हुई हैं. मोहन को अपूर्वा से एक लाख रुपये वापस लेना है जिसकी एवज में उसने उसे कोरोना की दवाई मुहैया करवाई."


बता दें कि कानपुर की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार को 265 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जो इसकी कालाबाजारी करने में शामिल थे. रेमडेसिविर एक मुख्य दवा है, जिसका उपयोग कोरोनावायरस के उपचार में किया जाता है. लोगों की परेशानी का फायदा उठाकर कुछ लोग इसे ऊंचे दामों में बेच रहे हैं.


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