Lucknow News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गांवों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए राज्य सरकार अब ग्राम प्रधानों, पंचायत सहायकों और सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलवाएगी. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने बताया कि इस संबंध में राज्य भर में 21 प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे, जहां अलग-अलग सत्रों में 25 हजार ग्राम प्रधानों समेत कुल 83 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. 


पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार राज्य के सभी गांवों में ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन को लेकर उचित कदम उठाने और इसके लिए ग्राम पंचायतों के पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करने की तैयारी की जा रही है. 


इतने गांवों को लेकर लक्ष्य किया गया निर्धारित
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के द्वितीय चरण के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए राज्य के 25 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है. हाल में प्रशिक्षण देने वाले ‘मास्टर ट्रेनर्स’ के प्रशिक्षण का कार्य पूरा किया गया है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 25,145 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है. इसके तहत 43,242 राजस्व गांवों को लेकर लक्ष्य निर्धारित किया गया है. 


अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने कहा कि इन गांवों में प्रथम चरण में प्राप्त उपलब्धियों को आगे भी बनाये रखने के साथ ठोस और तरल कचरे के प्रबन्धन के लिए विभिन्न अभियान चलाए जाएंगे. इसी सिलसिले में ग्राम प्रधान, खंड प्रेरक और पंचायत सहायक आदि लगभग 83,000 लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा, जो वास्तविक रूप से गांवों में काम करेंगें.  उन्होंने बताया कि इन लोगों का प्रशिक्षण लखनऊ के अलावा 20 जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर (डीपीआरसी) पर भी कराया जाएगा.हर प्रशिक्षण केन्द्र पर छह ‘मास्टर ट्रेनर’ तैनात किये गये हैं.


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