Ayodhya News: माध्यमिक शिक्षा विभाग में भारी चूक हो गई. अब इसे चूक माना जाए या फिर लापरवाही, उत्तर प्रदेश सरकार में आयुष राज्य मंत्री और पेशे से शिक्षक दयाशंकर मिश्रा दयालु (Dayashankar Mishra Dayalu) की यूपी बोर्ड की प्रैक्टिकल परीक्षा में ड्यूटी लगा दी गई. वे परीक्षा कराने नहीं पहुंचे, कॉलेज प्रशासन ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, तो संपर्क भी नहीं हो पाया. ऐसे में परीक्षा टाल दी गई. दरअसल अयोध्या के मनोहर लाल मोती लाल इंटर कॉलेज में शनिवार को बायोलॉजी के 70 छात्रों की प्रैक्टिकल एग्जाम होनी थी. वहां राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉक्टर दयाशंकर मिश्रा दयालु को परीक्षक नियुक्त किया गया था. नियमानुसार आवंटित परीक्षक से केंद्र व्यवस्थापक से संपर्क करके परीक्षा की तिथि मुकर्रर होती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ.

कॉलेज के प्रिंसिपल जितेंद्र राव ने बताया कि डॉ दया शंकर मिश्रा से संपर्क ना होने के कारण उनकी तैनाती वाले डीएवी इंटर कॉलेज वाराणसी के प्रींसिपल से बात की गई. उन्होंने बताया कि राज्यमंत्री काफी समय से अवकाश पर हैं. डीएवी इंटर कॉलेज वाराणसी के प्रभारी प्रिंसिपल ध्रुव कुमार शर्मा भी अयोध्या पहुंचे. उन्होंने कहा कि डीएवी इंटर कॉलेज वाराणसी के दयाशंकर मिश्र दयालु प्रिंसिपल हैं. उनके छुट्टी होने पर मुझे प्रभार दिया गया है और इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दे दी गई. अब नई डेट पर नए परीक्षक बायोलॉजी की प्रैक्टिकल एग्जाम संपन्न कराएंगे.

प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए लगी थी ड्यूटी

डीएवी इंटर कॉलेज वाराणसी के प्रभारी प्रिंसिपल ने कहा कि बायोलॉजी की प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालु की ड्यूटी लगी है. डॉक्टर दयाशंकर मिश्रा डीएवी इंटर कॉलेज वाराणसी से पता चला कि उत्तर प्रदेश के माननीय स्वतंत्र प्रभार मंत्री की आने की संभावना कम है. इसलिए मैंने अपने स्तर से माध्यमिक शिक्षा विद्यालय वाराणसी को सूचित किया और जिला निदेशक महोदय के माध्यम से सूचना पहुंचा दी, ताकि दूसरे एग्जाम का अलॉटमेंट हो सके.

वहीं मनोहरलाल मोतीलाल इंटर कॉलेज अयोध्या के प्रिंसिपल ने कहा कि मंत्री दयाशंकर हमारे विद्यालय डीएवी इंटर कॉलेज में प्रिंसिपल थे. साथ-साथ वह इससे पहले विज्ञान के प्रवक्ता भी थे. जब प्रिंसिपल बनने के बाद वह विज्ञान के प्रवक्ता थे, तो वह क्लास भी लेते थे और पढ़ाते भी थे. पिछले साल जब सरकार बनने के बाद उनकी नियुक्ति आयुष मंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में हुई. इस वजह से वह काफी समय से अवकाश पर हैं. उनके लिए परीक्षा कराना संभव नहीं है. अयोध्या में कई स्कूलों में ड्यूटी लगी हुई है, अगर मंत्री परीक्षा नहीं कराएंगें, तो उनका नियुक्ति पत्र बोर्ड के स्कूल को वापस भेज दिया गया. जिस स्कूल में उनकी ड्यूटी लगी है, वो बोर्ड को अपना प्रत्यय आवेदन देंगे. 

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