Gorakhpur News: माहे मुहर्रम का चांद गुरुवार को जिले में देखा गया. उलमा किराम ने ऐलान किया कि शुक्रवार 27 जून को माहे मुहर्रम की पहली तारीख है. मुहर्रम की दसवीं तारीख (यौमे आशूरा) रविवार 6 जुलाई को है. मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर यानी हिजरी वर्ष का पहला महीना है. चांद के साथ ही 1447 का आगाज हो गया. इसी के साथ पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हज़रत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों द्वारा दी गई अजीम कुर्बानी की याद ताजा हो गई है.

उलमा किराम ने सभी के लिए दुआ की है और कहा कि नया इस्लामी साल सभी की जिंदगी में खैर व बरकत लाए. मुसलमानों से अपील भी की है कि खूब अल्लाह की इबादत करें. रोजा रखें. हज़रत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व शुहदाए कर्बला की याद में कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी करें. अमन व अमान कायम रखें.

मौलाना ने बताया शहादत का महीनाहाफिज रहमत अली निजामी व कारी मुहम्मद अनस रजवी ने बताया कि मुहर्रम की पहली तारीख को मुसलमानों के दूसरे खलीफा अमीरुल मोमिनीन हजरत सैयदना उमर रदियल्लाहु अन्हु की शहादत हुई. मुहर्रम की दसवीं तारीख को यजीद नाम के एक जालिम बादशाह ने पैगंबरे इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों को कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया था. प्रमुख मस्जिदों व घरों में ‘जिक्रे शुहदाए कर्बला’ महफिल/मजलिस पहली मुहर्रम से शुरु होगी. जिसका सिलसिला दसवीं मुहर्रम तक जारी रहेगा.

मुहर्रम का चांद होते ही इशा की नमाज के बाद मुस्लिम बाहुल्य मोहल्लों में चहल पहल बढ़ गई. फातिहा ख्वानी हुई. लोग सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे को नये इस्लामी साल की मुबारकबाद भी पेश कर रहे हैं. मियां बाजार स्थित इमामबाड़ा इस्टेट से 5, 9 व 10 मुहर्रम को रवायती शाही जुलूस निकलेगा. यहां पर मेला लगेगा. शहर के विभिन्न मोहल्लों से चौथी से दसवीं मुहर्रम तक रात-दिन जुलूसों का सिलसिला जारी होगा. शहर में ताजिया बनाने के काम में तेजी आ गई है.