मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इस दौरान वह बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अधिकारियों और राहत विभाग को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं, जिससे राहत कार्यों में कोई कमी न रहे. इसके अलावा सीएम योगी के निर्देश पर मंत्री बाढ़ प्रभावित जिलों का ग्राउंड जीरो पर निरीक्षण कर रहे हैं. वर्तमान में प्रदेश के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं.

इनमें कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाज़ीपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर शामिल हैं. इन सभी जिलों में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं. वहीं एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के जवानों द्वारा पेट्रोलिंग की जा रही है.

402 गांव बाढ़ से प्रभावित, 47 हजार पीड़ितों को पहुंचायी गयी राहत

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 17 जिलों की 37 तहसीलें और 402 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इन इलाकों में बाढ़ से 84,392 लोग प्रभावित हैं, जिनमें से 47,906 लोग ऐसे हैं जिन्हें राहत सहायता प्रदान की गयी है. वहीं बाढ़ की वजह से 2,759 मवेशियों को सुरक्षा स्थान पर शिफ्ट किया गया है. बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 343 लोगों के मकानों को क्षति पहुंची है, जिनमें से 327 लोगों को सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है. वहीं प्रदेश में 4,015 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल बाढ़ की चपेट में आया है.

इन प्रभावित क्षेत्रों में 493 नावों और मोटरबोट्स की सहायता से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. इन इलाकों में अब तक 6,536 खाद्यान्न पैकेट और 76,632 लंच पैकेट वितरित किये जा चुके हैं. वर्तमान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 29 लंगर के जरिये पीड़ितों को भोजन की सुविधा दी जा रही है.

905 बाढ़ शरणालय में 11 हजार से अधिक लोगों को दी जा रही घर जैसी सुविधा

योगी सरकार द्वारा बाढ़ प्रभावित इलाकों में पीड़ितों के साथ मवेशियों की सुरक्षा और उनके खाने-पीने का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. अब तक मवेशियों के लिए 500 कुंतल भूसा वितरित जा चुका है. इसके अलावा 1,29,571 क्लोरीन टेबलेट और 37,089 ओआरएस पैकेट भी वितरित किए जा चुके हैं ताकि जलजनित बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सके. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कुल 905 बाढ़ शरणालय सक्रिय हैं, जहां 11,248 लोग अस्थायी रूप से निवास कर रहे हैं.

इन सभी का 757 मेडिकल टीमों द्वारा मेडिकल चेकअप किया जा रहा है. इसके साथ ही 1,193 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है, जो प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर निगरानी रख रही हैं.

यह मंत्री बाढ़ प्रभावित इलाकों का कर रहे निरीक्षण, जिले में करेंगे रात्रि विश्राम

*- नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’-  प्रयागराज*- स्वतंत्र देव सिंह और संजय गंगवार- जालौन*- स्वतंत्र देव सिंह और प्रतिभा शुक्ला- औरैया*- रामकेश निषाद- हमीरपुर*- जयवीर सिंह- आगरा*- नंद गोपाल गुप्ता- मीरजापुर व बांदा*- सुरेश खन्ना- वाराणसी*- संजय निषाद- कानपुर देहात*- धर्मवीर प्रजापति- इटावा*- अजीत पाल- फतेहपुर*- दयाशंकर 'दयालु'- बलिया

विपक्ष के नेता समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने क्या कहा                                                                        

स्मार्ट सिटी पर विपक्ष का वार, अखिलेश यादव ने साधा निशानाप्रयागराज की बाढ़ को मुद्दा बनाकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. स्मार्ट सिटी की कार्यो को केंद्र में रखकर इन्होने हमला बोला और सरकार पर निशाना साधते हुए विभागों पर कमीशनखोरी का आरोप लगाया. कहा कि  इस सरकार में हर विभाग और हर कार्य में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी है. भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी के नाम पर बजट का जमकर बंदरबांट किया है.

राजधानी लखनऊ समेत भाजपा सरकार द्वारा घोषित स्मार्ट शहरों का बुरा हाल है. जगह-जगह गड्ढे़ है. गड्ढ़ों में पानी और जलभराव से लोगों का जनजीवन खतरे में है. नालों में गिर कर लोगों की मौंते हो रही है. प्रयागराज में 20 हजार करोड़ खर्च करने के बाद प्रयागवासियों को जलभराव के सिवा और क्या मिला है? भ्रष्टाचार के गहरे गड्ढ़ों में भरा पानी भाजपाई घपलों-घोटालों के गोरखधंधे का भंडाफोड़ करता है.

बाढ़ पर राजनीतिक तीर

अखिलेश यादव ने कहा कि स्मार्ट सिटी की संकल्पना पर पानी फेरने वाले अपनी नाव लेकर कहां गायब हो गये है? प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की विस्फोटक स्थिति है. प्रयागराज से लेकर वाराणसी तक हजारों लोगों के घरों में पानी भरा है. बाढ़ से निबटने और बचाव तथा राहत के लिए सरकार की पहले से कोई तैयारी नहीं है. जनता बेहाल है.

भाजपा सरकार के इंजन जनहित में कार्य करने के बजाय अपने-अपने स्वार्थ साधने में लगे है. कहा कि प्रदेश के दर्जनों जिले प्रयागराज, मिर्जापुर, बांदा, हमीरपुर, जालौन, औरैया, वाराणसी, आगरा, इटावा, फतेहपुर, कानपुर देहात, बलिया नदियों का जलस्तर बढ़ने और बारिश से बाढ़ की चपेट में है. लाखों की आबादी प्रभावित है. किसानों की फसलें डूब कर नष्ट हो गयी. बाढ़ से आमजन, पशुधन प्रभावित हैं और अधिकारी लापरवाह बन रहे हैं.