UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश की राजनीति से बड़ी खबर आई है. चाचा शिवपाल यादव से मिलने के लिए अखिलेश य़ादव उनके घर पहुंचे हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव ने बगावत की थी, जिसके बाद शिवपाल ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नाम की नई पार्टी बनाई थी.
2017 के चुनाव के बाद दो टुकड़ों में बंट गया था मुलायम परिवारबता दें कि मुलायम सिंह यादव जिस परिवार को पिछले कई दशक से एक साथ लेकर चल रहे थे, वह 2017 के चुनाव के बाद दो टुकड़ों में बंट गया था. इसकी शुरूआत 2016 में ही हो गई थी. नेता जी के परिवार की यह लड़ाई इस स्तर तक पहुंच गई कि अखिलेश ने चाचा शिवपाल को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया तो चाचा ने भतीजे को ही पार्टी से ही बाहर कर दिया. थोड़े दिन के लिए यह लड़ाई थम गई. लेकिन शिवपाल सिंह यादव ने अपनी अगल पार्टी बनाकर अलग राह चुन ली थी.
शिवपाल अभी समाजवादी पार्टी के ही विधायक हैं. उनकी पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. लेकिन हर जगह हार गई थी. इस हार में उन्हें अपना भविष्य नजर आने लगा था. उन्होंने 12 अक्टूबर से सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा शुरू की. इसका मकसद सत्ता परिवर्तन बताया गया था. इस दौरान सत्ता परिवर्तन का तो पता नहीं शिवपाल सिंह यादव का हृदय परिवर्तन जरूर हो गया. उन्होंने पहले सपा से गठबंधन की पेशकश की. फिर सपा में अपनी पार्टी के विलय की बात शुरू कर दी.
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