उत्तर प्रदेश के बहराइच में कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके बाद इस घटना को लेकर बवाल मच गया. यूपी डीजीपी ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए एसपी को तलब किया है और निर्धारित मानकों के उल्लंघन करने के आरोप में जवाब मांगा है.
डीजीपी ने मांगा एसपी से जवाब
यूपी पुलिस ने इस बारे में जानकारी देते हुए आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट किया और लिखा- 'जनपद बहराइच में आयोजित एक कार्यक्रम में पुलिस परेड ग्राउंड के अनधिकृत उपयोग का पुलिस महानिदेशक महोदय ने संज्ञान लिया है.
पुलिस परेड ग्राउंड का उपयोग केवल पुलिस प्रशिक्षण, अनुशासन एवं आधिकारिक समारोहों हेतु निर्धारित मानकों के अनुसार किया जाना अनिवार्य है. निर्धारित मानकों के उल्लंघन के दृष्टिगत संबंधित पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण तलब किया गया है.
बता दें कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी बहराइच जिले पहुंचे थे, जहां पुलिस परेड ग्राउंड में उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया गया. जिसके बाद इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो के सामने आने के बाद सियासी घमासान भी शुरू हो गया, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और नगीना से आसपा सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस पर सवाल उठाए और इसे संविधान पर हमला बताया.
अखिलेश यादव ने यूपी पुलिस पर उठाए सवाल
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जब पूरा पुलिस महकमा सलामी में व्यस्त रहेगा तो प्रदेश का अपराधी मस्त रहेगा. पुलिस अपने काम में तो नाकाम है, उसका जो काम है वो तो कर नहीं रही है. अपराध और माफ़िया राज पर लगाम लगाने की बजाय सलाम-सलाम का खेल खेला जा रहा है.
चंद्रशेखर आजाद ने बताया संविधान पर हमला
वहीं आज़ाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत कोई मठ नहीं, बल्कि एक संवैधानिक गणराज्य है और राज्य किसी धर्म-विशेष की जागीर नहीं. एक कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को यूपी पुलिस द्वारा परेड और सलामी दी जाती है. यह सिर्फ़ एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि संविधान पर खुला हमला है.