उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्ष पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने दावा किया कि 2017 की जीत सिर्फ एक ट्रेलर थी और 2027 में इससे भी बड़ी विजय तय है. यह बयान उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दिया, जो आगामी विधानसभा चुनाव और संगठनात्मक गतिविधियों के बीच राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है.

Continues below advertisement

परिवारवादी पिछलग्गू दल कहीं नहीं ठहरते- डिप्टी CM

केशव प्रसाद मौर्य ने अपने बयान में भारतीय जनता पार्टी की संगठनात्मक ताकत और वैचारिक बढ़त की तारीफ की है. उन्होंने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी आज दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी है. इस मायने में उसके सामने कांग्रेस व सपा समेत बाकी परिवारवादी पिछलग्गू दल कहीं नहीं ठहरते हैं. उत्तर प्रदेश में 2017 की जीत केवल एक ट्रेलर थी, 2027 में जनता के आशीर्वाद और देवतुल्य कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से उससे भी बड़ी विजय तय है.

डिप्टी सीएम ने अपने संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को भी निर्णायक बताया. उन्होंने कहा कि मोदी के कुशल नेतृत्व में गरीब कल्याण की योजनाएं जमीन पर उतरी हैं और विकसित भारत के साथ विकसित उत्तर प्रदेश का संकल्प अडिग है. 

Continues below advertisement

2027 में 2017 दोहराएंगे- डिप्टी CM

मौर्य ने संगठन पर्व का जिक्र करते हुए कहा कि 14 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के साथ यह प्रक्रिया पूरी होगी और इसके बाद नया नेतृत्व पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेगा. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह बिहार में भाजपा ने कमल खिलाया, उसी तरह उत्तर प्रदेश में भी हर कार्यकर्ता 2027 के लक्ष्य को लेकर पूरी तरह तैयार है. अंत में उन्होंने साफ शब्दों में लिखा कि 2027 में 2017 दोहराया जाएगा.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश भाजपा इकाई के अध्यक्ष का चुनाव 14 दिसंबर को होना है और इसी दिन नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया जाएगा. इससे पहले आज नामांकन की प्रक्रिया पूरी होनी है. चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय पार्षदों के चुनाव के लिए मतदाता सूची जारी कर दी है. इस सूची में कुल 425 प्रदेश परिषद सदस्य शामिल हैं. इसके अलावा 5 लोकसभा सांसद, 8 विधान परिषद सदस्य, 26 विधायक तथा सभी जिलों और महानगरों के अध्यक्ष भी मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं. इसी बीच राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं भी तेज हैं, जिससे राजनीतिक हलचल और बढ़ गई है.