Lucknow News: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अब अपने संगठन को नए सिरे से मजबूत करने की तैयारी में जुट गई है. इसी कड़ी में शुक्रवार को लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व यूपी के सह प्रभारी राजेश तिवारी ने प्रेसवार्ता कर संगठनात्मक रणनीति का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तय किया है कि अगले 100 दिनों में जिले से लेकर बूथ स्तर तक पांच स्तरीय संगठन को पूरी तरह खड़ा कर दिया जाएगा. प्रेसवार्ता में मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ. सीपी राय, वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी, प्रवक्ता शुचि विश्वास और डॉ. सुधा मिश्रा भी मौजूद रहीं.
राजेश तिवारी ने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में जो संगठनात्मक ढांचा तैयार किया था, अब पार्टी उसी दिशा को आगे बढ़ा रही है. उन्होंने बताया कि मार्च और अप्रैल में राहुल गांधी ने देशभर के जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर संगठन को ज़मीनी स्तर पर मज़बूत करने पर जोर दिया था. उसी के तहत अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस 100 दिन का संगठन सृजन अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत 403 विधानसभा क्षेत्रों, 133 जिला/शहर इकाइयों, 823 ब्लॉक, 3200 मंडल, 8135 न्याय पंचायतों और 1.62 लाख बूथों पर नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी.
17 मई को लखनऊ के गांधी भवन में आयोजित होगी कार्यशालाइस रणनीति का लक्ष्य है कि पार्टी न केवल बूथ स्तर पर मज़बूत हो, बल्कि 2026 में होने वाले पंचायत चुनावों में भी कांग्रेस पूरी ताकत से उतरे. इसी क्रम में 17 मई को लखनऊ के गांधी भवन प्रेक्षागृह, कैसरबाग में एक विशेष संगठन सृजन कार्यशाला आयोजित की जाएगी, जिसमें पार्टी के ज़िला व ब्लॉक स्तरीय नेता भाग लेंगे.
राजेश तिवारी ने यह भी बताया कि पहलगाम आतंकी हमले की वजह से स्थगित किए गए “संविधान बचाओ सम्मेलन” फिर से शुरू होंगे. इसके अलावा राज्य भर में ‘जय हिन्द सभाओं’ का आयोजन कर कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाएगा और जन मुद्दों पर कांग्रेस का पक्ष आम जनता तक पहुंचाया जाएगा.
संगठन को जमीनी स्तर पर खड़ा कांग्रेसउत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी लंबे समय से सत्ता से बाहर है. 1989 के बाद से पार्टी ने राज्य की सत्ता में वापसी नहीं की है. हालांकि प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों से कांग्रेस ने महिलाओं, किसानों और युवाओं से जुड़ने की कोशिश की है. अब पार्टी जमीनी स्तर पर संगठन को फिर से खड़ा करने के लिए कमर कस रही है. इस नई रणनीति से कांग्रेस को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले एक मजबूत संगठन तैयार करने की उम्मीद है, ताकि वह भाजपा और अन्य क्षेत्रीय दलों को टक्कर दे सके.
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